बच्चो..किताबें न भी हों तो पढ़ाई नहीं रुकेगी
नई तकनीक - मुफ्त किताबें न मिलने पर ई-पोथी से होगी पढ़ाई - छूटे कोर्स को शिक्षक लै ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : अब सरकारी स्कूलों के बच्चों को पढ़ने के लिए किताब वितरण का मुंह नहीं देखना पड़ेगा। अब ई-बुक बच्चों को समय पर पढ़ाई कराएगी। किताबें समय पर न मिलने से अब बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित नहीं होगी। साथ ही शिक्षक-शिक्षिका के गैरहाजिर रहने या स्कूल बंद होने के बावजूद भी कोर्स नहीं पिछड़ेगा। छूटे कोर्स को शिक्षक मोबाइल, लैपटॉप या प्रोजेक्टर के जरिए भी पढ़ा सकेंगे। कक्षा एक से आठ तक की सभी किताबें कंप्यूटर में अपलोड कर ई-बुक बनाई जाएंगी। इसे ई-पोथी नाम दिया गया है। डिजिटल इंडिया के तहत बेसिक शिक्षा परिषद ने इसका खाका तैयार किया है। इंटरनेट के जरिए ई-पब रीडर सॉफ्टवेयर इंस्टाल किया जाएगा। इसे इंस्टाल कर ई-बुक डाउनलोड होगी। ई-बुक के लिए सभी पाठ्यक्रमों का डिजिटलाइजेशन शुरू कराया जा रहा है। इन सब व्यवस्थाओं के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों व डायट प्राचार्य को निर्देशित किया है। शुरुआती चरण में जूनियर हाईस्कूल को इस योजना में शामिल किया जाएगा। जिले में 735 जूनियर हाईस्कूल हैं।
सरकारी स्कूलों में नाम के तौर पर अप्रैल से सत्र शुरू करा दिए जाते हैं। मगर किताबें बांटते-बांटते आधा साल बीत जाता है। इस पर भी अगर नई किताबों में कोई बदलाव हो तो पुरानी किताबों से भी कोर्स पूरा नहीं होता।
शिक्षकों को मिलेगा प्रशिक्षण
सॉफ्टवेयर के संबंध में शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। किताबों के डिजिटलाइजेशन की जानकारी शिक्षकों को दी जाएगी। विद्यार्थी, जिनके पास संसाधन होंगे उन्हें भी ई-बुक के प्रति जागरूक किया जाएगा।
स्कूलों को मिलेंगे कंप्यूटर
डिजिटल पढ़ाई को लेकर परिषदीय स्कूलों में कंप्यूटर मुहैया कराए जाएंगे। इसके अलावा प्रोजेक्टर की भी व्यवस्था की जाएगी। यहा सुविधाएं मुहैया होते ही प्राइमरी स्कूलों को योजना से जोड़ना शुरू होगा।
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यह बेहतरीन व्यवस्था है। मगर इसे अमल में लाने के लिए जमीनी स्तर पर पूरे स्ट्रक्चर में कार्य करना होगा। इसके लिए शासन से दिशा-निर्देश आएंगे। शासन से जैसे भी निर्देश होंगे उन्हीं के आधार पर शुरुआत होगी।
धीरेंद्र कुमार, बीएसए

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