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    ड्रोन ने आसान किया किसान का काम, सिर्फ एक क्‍लिक में हो रहा दवा का छिड़काव

    By Anil KushwahaEdited By:
    Updated: Mon, 16 May 2022 07:40 AM (IST)

    फसलों को बचाने के लिए किसान खेतों में दवा का छिड़काव करते हैं जिसमें काफी समय लगता है और जोखिम भी रहता है। लेकिन अब किसान इस पुरानी परंपरा को छोड़कर न ...और पढ़ें

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    ड्रोन से फसलों के उपचार की तकनीक किसानों को खूब भायी है।

    लोकेश शर्मा, अलीगढ़ । फसलें रोग मुक्त रहें, इसके लिए किसान खेतों में जाकर जहरीली कीटनाशक दवाएं लगाते हैं। इसमें समय तो अधिक लगता ही है, जोखिम भी रहता है। दवा के छिड़काव की इस पुरानी परंपरा को त्याग कर किसान नई तकनीक अपना रहे हैं। ड्रोन से फसलों के उपचार की तकनीक किसानों को खूब भायी है। कृषि उत्पादक संगठन (एफपीओ) से जुड़े किसान इससे सहमत हैं। लोधा के गांव भमरोला में ड्रोन से छिड़काव का सफल परीक्षण भी हुआ है। अब ड्रोन लेने की तैयारी है।

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    दवा के छिड़काव के लिए ड्रोन का सहारा

    फसलों को रोग से बचाने के लिए किसान स्प्रिंकलर मशीन से दवा का छिड़काव करते हैं। इसमें किसानों को मशक्कत करनी पड़ती है। गन्ना, अरहर की फसल ऊंची व घनी होने के कारण किसान सही ढंग से छिड़काव नहीं कर पाते है। धान के खेत में कीचड़ होने से परेशानी होती है। किसानों के पास इसका विकल्प नहीं था। एफपीओ कोमोलिका फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी ने ड्रोन के रूप में विकल्प तलाशा है। दिल्ली की एक कंपनी से संपर्क साधकर परीक्षण भी कराया। कंपनी के प्रतिनिधियों ने लोधा के गांव भमरोला में किसान राजकुमार के खेत में ड्रोन से दवा के छिड़काव का डेमो दिया। पांच मिनट में ड्रोन ने पूरे खेत में छिड़काव कर दिया। आसपास के किसान भी डेमो देखने आए और चकित रह गए। यहां पहली बार ड्रोन से छिड़काव का परीक्षण हुआ था। एफपीओ से जुड़े 1500 किसानों को इसका लाभ मिलेगा। एफपीओ के चेयरमैन आरपी पचौरी ने बताया कि कंपनी से करार नहीं किया है। सरकार ड्रोन पर 75 प्रतिशत अनुदान दे रही है। सरकारी योजना से ड्रोन लिया जाएगा, इसके लिए कृषि मंत्रालय में संपर्क कर रहे हैं। ड्रोन में 15 लीटर दवा आती है, जो एक खेत के लिए पर्याप्त है। एफपीओ से जुड़े 1500 किसान 750 हेक्टेयर में खेती करते हैं। ड्रोन का सभी को लाभ मिलेगा।

    50 मीटर उड़ान भरेगा ड्रोन

    ड्रोन 50 मीटर उड़ान भरकर फसल पर दवा का छिड़काव करेगा। सुविधानुसार इसे नीचे भी किया जा सकता है। अरहर, गन्ना, धान पर छिड़काव करने में दिक्कत नहीं होगी। ऊपर से ही समान रूप से छिड़काव किया जा सकेगा। इससे दवा कम लगेगी। डेमो देने आए कंपनी के प्रतिनिधियों ने बताया कि ड्रोन विधि तब अधिक कारगर होगी, जब सामान्य गति से हवा चल रही हो। तेज हवा में ऊपर से गिराई गई दवा उड़कर दूसरी ओर जा सकती है।

    ड्रोन से छिड़काव के लाभ

    • - कम समय में एक समान दवा का छिड़काव।
    • - दूर खड़े होकर छिड़काव करा सकेंगे किसान।
    • - तरल और ठोस उर्वरकों का आसानी से छिड़काव।
    • - खेतों और जंगलों में बीजों का छिड़काव।
    • - फसल को कीटों के आक्रमण से बचाव।
    • - रोग व कीटों के स्तर की जांच व उपचार।
    • - खेतों की भौगोलिक स्थिति का आकलन करना।

    इनका कहना है

    ड्रोन विधि दवा के छिड़काव में काफी कारगर है। किसानों की मांग पर ड्रोन लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। ड्रोन की कीमत सात से आठ लाख रुपये है। अनुदान पर ड्रोन उपलब्ध हो जाए, इसके लिए कृषि मंत्रालय में संपर्क कर रहे हैं।

    आरपी पचौरी, चेयरमैन, कोमोलिका फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी