डीएलएड परीक्षा के पेपर लीक में दो सगे भाई गिरफ्तार, टेलीग्राम ग्रुप के जरिए बेचते थे साल्व प्रश्नपत्र
एसटीएफ ने अलीगढ़ के इगलास में डीएलएड परीक्षा अक्टूबर 2025 के पेपर लीक मामले में दो सगे भाइयों, धर्मेंद्र और पुष्पेंद्र को गिरफ्तार किया है। वे टेलीग्राम के माध्यम से पेपर लीक करते थे और छात्रों को बेचते थे। उनके पास से लैपटॉप और मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। धर्मेंद्र, जो डीएलएड-बीटीसी संघ का जिलाध्यक्ष है, और पुष्पेंद्र ने 80 से अधिक छात्रों को पेपर बेचा था। एसटीएफ मामले की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, इगलास (अलीगढ़)। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने डीएलएड परीक्षा अक्टूबर 2025 के पेपर लीक मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। इगलास क्षेत्र के ग्राम नगला हरिकरना निवासी दो सगे भाई धर्मेंद्र कुमार और पुष्पेंद्र कुमार को सोमवार की देर रात गिरफ्तार किया है। दोनों को न्यायालय में प्रस्तुत कर जेल भेज दिया गया। परीक्षा अक्टूबर में हुई थी।
सीओ महेश कुमार ने बताया कि एसटीएफ लखनऊ की टीम को डीएलएड परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने की सूचना मिली थी। इसके बाद टीम ने तकनीकी निगरानी और साक्ष्य संकलन के उपरांत स्थानीय पुलिस की मदद से दोनों आरोपितों को दबोच लिया। इनके कब्जे से एक लैपटाप, दो मोबाइल फोन, डेबिट कार्ड, पैन कार्ड तथा 850 रुपये बरामद किए हैं।
दोनों सगे भाई एक संगठित गिरोह से टेलीग्राम के माध्यम से डीएलएड सेमेस्टर प्रथम व तृतीय सत्र के प्रश्नपत्र मंगवाते थे। प्रश्नपत्रों को हल कर उसी माध्यम से परीक्षार्थियों को भेजते थे। आनलाइन भुगतान लेते थे। उनके पास से बरामद उपकरणों में पेपर लीक और पैसों के लेनदेन से संबंधित कई साक्ष्य मिले हैं।
इस संबंध में एसटीएफ मुख्यालय लखनऊ के एसआई पंकज कुमार की ओर से उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) अध्यादेश-2024 तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66(डी) के तहत धर्मेंद्र व पुष्पेंद्र के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
सीओ ने बताया कि प्रकरण की विवेचना स्वयं उनके द्वारा की जा रही है। यह मामला गंभीर है और इसमें शामिल संगठित गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान कर उन्हें भी शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा। टीम में इंस्पेक्टर नरेंद्र यादव, निरीक्षक सुभाष कठेरिया, एसआई गंगाराम व बद्रीराम आदि शामिल रहे।
80 से अधिक अभ्यर्थियों को बेचा गया था प्रश्नपत्र
आरोपित धर्मेंद्र कुमार डीएलएड-बीटीसी संघ का जिलाध्यक्ष है। एसटीएफ टीम के अनुसार गिरफ्तार दोनों भाई धर्मेंद्र कुमार और पुष्पेंद्र कुमार ने पूछताछ में चौंकाने वाली जानकारियां दी हैं। दोनों ने टेलीग्राम ग्रुप के माध्यम से हल किया गया प्रश्नपत्र 80 से अधिक अभ्यर्थियों को बेचा था।
पुष्पेंद्र द्वारा प्रश्नपत्र मंगवाया जाता था, जिन्हें धर्मेंद्र स्वयं हल करता था। इसके एवज में उसे 50 हजार रुपये का भुगतान किया गया था। हल किए गए प्रश्नपत्र प्राप्त करने के लिए भुगतान करने के बाद अभ्यर्थी को टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ दिया जाता था।
जांच के दौरान एसटीएफ ने तकनीकी साक्ष्य जुटाते हुए पाया कि जिस यूपीआई आईडी के माध्यम से भुगतान लिया जा रहा था, वह पुष्पेंद्र कुमार के केनरा बैंक खाते से जुड़ी हुई थी। एसटीएफ द्वारा डिजिटल उपकरणों की फॉरेंसिक जांच कराई जा रही है, ताकि पेपर लीक नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों तक पहुंच बनाई जा सके।

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