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    मृत्यु जीवन का अटल सत्य है

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 22 Sep 2021 09:24 PM (IST)

    जब जीव दुनिया में आता है तो प्रभु से उनका भजन करने का वायदा करता है। यदि हमें जीवन-मरण के चक्कर से मुक्त होना है तो प्रभु से किया हुआ वादा निभाना होगा। जीव को जीवन पर्यंत भगवान को मनाने की कोशिश करते रहना चाहिए।

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    मृत्यु जीवन का अटल सत्य है

    अलीगढ़ : जब जीव दुनिया में आता है तो प्रभु से उनका भजन करने का वायदा करता है। यदि हमें जीवन-मरण के चक्कर से मुक्त होना है तो प्रभु से किया हुआ वादा निभाना होगा। जीव को जीवन पर्यंत भगवान को मनाने की कोशिश करते रहना चाहिए। यह बातें इगलास क्षेत्र के गांव हसनगढ़ में भागवत कथा के तीसरे दिन व्यास भगवान सिंह हंस ने कही। उन्होंने आगे कहा कि मृत्यु जीवन का अटल सत्य है। संसार में खाली हाथ आए थे और खाली हाथ जाएंगे। इसके बावजूद भी प्राणी अपना जीवन सांसारिक भोग विलास में गुजार देते हैं और प्रभु ने हमें जिस कार्य के लिए यह जीवन दिया है उससे भटक जाते हैं। जब परीक्षित महाराज को पता चला कि सातवें दिन मृत्यु निश्चित है तो अपना सब कुछ त्याग दिया और शुकदेव जी से पूछा उन्हें क्या करना चाहिए। शुकदेव जी ने कहा कि जिसकी मृत्यु निश्चित हो उसे भागवत कथा श्रवण करनी चाहिए। उसी प्रकार हमें भी सच्चे मन से भागवत कथा श्रवण करनी चाहिए। इस मौके पर परीक्षत बनवारीलाल बघेल, प्रधान विजय सिंह, जगदीश चौधरी, श्यामवीर सिंह, विजय कौशिक, राजू चौधरी, गिर्राज किशोर, हीरा सेठ, निरंजन चौधरी, निरंजन बघेल, अर्जुन बघेल, जगवीर सिंह, ठा. सुंदर सिंह, कुमरपाल आदि थे।

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    धार्मिक आयोजनों से मिलती है मन को शांति

    संसू, जवां : धार्मिक आयोजनों से जहां मन को शांति मिलती है, वहीं मनुष्य में भक्ति बहुत जागृत होने से व पाप कर्मों से भी मुक्ति मिलती है। यह बातें गोधा में भागवत कथा के मौके पर निकाली गई कलश यात्रा के दौरान उद्घाटन करता बसपा नेता नरेंद्र शर्मा उर्फ मोनू भैया ने कही। उन्होंने कहा कि गांव में सभी लोगों द्वारा इस तरह का धार्मिक आयोजन किया जाना एकता की मिसाल है। इस दौरान कथा व्यास राम किशोर शास्त्री सहित गांव के प्रमुख लोगों में महावीर कश्यप, योगेश कुमार, सुखबीर बघेल, रामबाबू बघेल, दिलशाद खान, निजामुद्दीन खान, लीलाधर, नन्नूसिंह बौहरे, प्रवीण डाक्टर व भोले ठाकुर आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।