फिर सक्रिय हुआ कोरोना, ग्रीष्मावकाश के बाद खुलेंगे स्कूल तो स्वास्थ्य सुरक्षा पर रहेगा फोकस
इन दिनों कोरोना फिर से सक्रिय हो गया है। कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुये प्रशासन ने भी सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। ग्रीष्मावकाश के बाद जब कक्षा एक से आठवीं तक के सरकारी स्कूल खोले जाएंगे तो नौनिहालों की सुरक्षा का खास ख्याल रखा जाएगा।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के सक्रिय केस जिले में 18 हैं। शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से तीन नए केस मिलने से संख्या 18 हो गई है। मगर कोरोना संक्रमण की घातकता न के बराबर ही है। फिर भी ग्रीष्मावकाश के बाद जब कक्षा एक से आठवीं तक के सरकारी स्कूलों को खोला जाएगा तो नौनिहालों की स्वास्थ्य सुरक्षा का खासा ख्याल रखा जाएगा। विद्यार्थियों को दूर-दूर बैठाने से लेकर अलग बालक-बालिकाओं के अलग शौचालय व शुद्ध पेयजल की व्यवस्थाएं भी स्कूलों में की जाएंगी। साथ ही इन व्यवस्थाओं का निरीक्षण भी अफसरों की ओर से टास्क फोर्स गठित करके कराया जाएगा। कक्षा एक से आठवीं तक के सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय व मूत्रालय बनाने का काम शुरू भी किया जा चुका है।
विद्यार्थियों की स्वास्थ्य सुरक्षा को देखते हुये बढ़ी सक्रियता
कोरोना काल की दूसरी लहर के दौरान जब स्कूल बंद थे तब कायाकल्प योजना के तहत ये काम ग्रामीण व नगर क्षेत्र के विद्यालयों में किया गया था। मगर अभी भी जिले में 158 विद्यालय ऐसे हैं जिनमें अलग-अलग शौचालय तो हैं लेकिन वो अक्रियाशील हैं। विद्यार्थियों की स्वास्थ्य सुरक्षा को देखते हुए अब ये काम तेजी से शुरू कर दिया गया है। जिले में 1382 प्राइमरी, 375 जूनियर हाईस्कूल व 358 कंपोजिट समेत 2115 विद्यालय हैं। इनमें करीब 3.10 लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी 98 सरकारी स्कूल ऐसे हैं जहां बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय व मूत्रालय क्रियाशील नहीं हैं। नगर क्षेत्र में 60 ऐसे स्कूल हैं जहां शौचालय व मूत्रालय अक्रियाशील हैं। इनके निर्माण का काम 15वें वित्त आयोग व राज्य वित्त आयोग की राशि से किया जा रहा है। कायाकल्प योजना से पहले जिले में 31 प्रतिशत विद्यालयों में ही ये व्यवस्था थी। आपरेशन कायाकल्प के तहत 82 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है।
जुलाई में स्कूल खुलेंगे तो विद्यालयों में होंंगी सुविधाएं
प्रधानाध्यापकों व खंड शिक्षाधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है कि अपने-अपने क्षेत्रों में इन व्यवस्थाओं की पड़ताल करें। कहीं कमी हो तो अवगत कराएं। बीएसए सतेंद्र कुमार ढाका ने बताया कि पूर्व में हुई प्रशासनिक बैठक में विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग मूत्रालय व शौचालय निर्माण के संबंध में पंचायती राज विभाग को निर्देश भी दिए गए थे। काम शुरू करा दिया गया है। संभावना है कि ग्रीष्मावकाश के बाद जुलाई से जब विद्यार्थी विधिवत कक्षाएं करेंगे तो उनको ये सुविधा अपने विद्यालयों में मिलेगी।
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