दुपट्टे को हिजाब समझकर लेखपाल ने किया ऐसा काम, जानकर उड़ जाएंगे होश; अब SDM ने लिया एक्शन
अलीगढ़ में एक लेखपाल ने छात्रा के सिर पर दुपट्टा बंधा होने के कारण जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया। एसडीएम दिग्विजय सिंह ने लेखपाल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया है। डीएम के आदेश पर हुई जांच में लेखपाल की लापरवाही सामने आई है। छात्रा ने शिकायत की थी कि दुपट्टे को हिजाब मानकर उसका आवेदन रद्द कर दिया गया जिससे वह नीट परीक्षा से वंचित रह गई।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। सिर पर दुपट्टा बंधा होने के कारण बिना जांच पड़ताल के लेखपाल को छात्रा का जाति प्रमाण पत्र निरस्त करना भारी पड़ गया। एसडीएम दिग्विजय सिंह ने लेखपाल के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के आदेश कर दिए हैं। डीएम के आदेश पर तहसील स्तर पर हुई जांच में प्रथमदृष्टया लेखपाल की लापरवाही सामने आई है। तीन दिन पहले छात्रा का प्रमाण पत्र भी जारी किया जा चुका है।
कोल तहसील के भगवानगढ़ी बाइपास स्थित मंजूरगढ़ी निवासी छात्रा हेमा कश्यप ने पिछले दिनों डीएम संजीव रंजन को एक शिकायती पत्र दिया था। इसमें कहा कि वह पिछले काफी समय से नीट की परीक्षा की तैयारी कर रहीं थी। पिछले दिनों उन्होंने ओबीसी प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था।
इस आवेदन में उनके सिर से दुपट्टा बंधा हुआ था, लेकिन क्षेत्रीय लेखपाल ने इसी दुपट्टी को हिजाब मानते हुए इस आवेदन को निरस्त कर दिया। उन्होंने कई बार इसके लिए लेखपाल से मुलाकात कर प्रमाण पत्र बनाने का आग्रह किया, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई।
बिना जांच के निरस्त कर दिया आवेदन
उन्होंने बताया कि दुपट्टा भारतीय संस्कृति का हिस्सा है। फिलहाल गर्मी का भी मौसम है। ऐसे में धूप से चेहरे को बचाने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है, लेकिन तहसील स्तर से बिना जांच पड़ताल के ही आवेदन निरस्त कर दिया। इससे व नीट की परीक्षा देने से वंचित रह गईं। एक वर्ष का नुकसान हो गया।
डीएम ने मामले में जांच के दिए आदेश
क्षेत्रीय लेखपाल अब कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं। इस पर डीएम ने मामले में जांच के आदेश दिए। तहसील स्तर पर नायब तहसीलदार ने मामले में जांच की। इसमें प्रथमदृष्टया लेखपाल की लापरवाही सामने आई। ऐसे में तत्काल छात्रा का दो दिन पहले ही प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया।
अब विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। एसडीएम कोल दिग्विजय सिंह ने बताया कि तीन दिन पहले हीर छात्रा का प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया था। लापरवाही के लिए संबंधित के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जा रही है।
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