AMU में सांसद चंद्रशेखर के कार्यक्रम में हंगामा: छात्रों को मिलने से रोका, समर्थकों के साथ हुई धक्का-मुक्की
सांसद चंद्रशेखर के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी दौरे पर विवाद खड़ा हो गया है। छात्रों को उनसे मिलने से रोक दिया गया जिससे तनाव और धक्का-मुक्की हुई। आजाद ने एएमयू को सर सैयद की जमीन बताया। उन्होंने भीम आर्मी की एक लाख से अधिक पाठशाला खोलने की घोषणा की। राजनीति विज्ञान विभाग के प्रो. मोहम्मद मुहिबुल हक ने कहा कि आजाद मुसलमानों से कंधा मिलाकर नजर आते हैं।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। शनिवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) पहुंचे आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष व नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद से छात्रों को सुरक्षा गार्डों ने नहीं मिलने दिया। एक पुलिसकर्मी ने एक छात्र को खींच लिया।
शोधार्थी इंजमाम उल हक साथियों के साथ चंद्रशेखर से मिलकर सवाल करना चाहता थे। वहां सुरक्षाकर्मी ने उसे रोका। नहीं माना तो उसे खींच लिया। इस पर अन्य छात्र भी नाराज हो गए। गार्डों से कहासुनी व धक्का-मुक्की तक हुई।
छात्र नेता ने कहा कि आजाद के एक पुराने बयान, जिसमें उन्होंने आस्था को संविधान से ऊपर होने की बात कही थी। उसको लेकर समाजवादी पार्टी के छात्रसभा के राष्ट्रीय सचिव अदनान हमीद और एएमयू छात्र नेता-रिसर्च स्कॉलर इंजमाम उल हक ने उनसे इस ब्यान पर जब स्पष्टीकरण मांगा तो वह आग बबूला हो उठे। पूछे गए सवाल पर साफ़ बचते हुए नजर आए और वहां मौजूद पुलिस प्रशासन ने उन्हें सभागार से बाहर निकालने का प्रयास किया।
सपा नेता- आजाद दोहरी राजनीति करते हैं
सपा नेता अदनान हमीद ने कहा कि आजाद दोहरी राजनीति करते हैं। उन्हें केवल मुसलमानों से वोट लेना है और जब बात मुसलमानों के मुद्दे की आती है तो वो किनारे हो जाते हैं। लोगों को पार्टी में नेतृत्व क्यों नहीं दिया जा रहा। छात्र नेता आरोप लगाया है कि आजाद के साथ आए सुरक्षा कर्मियों ने उसकी शेरवानी पकड़ ली। जान से मारने की दी कि बाहर आकर देखेंगे।
अमुटा के पदाधकारियों से कहा कि एएमयू को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने देंगे। आजाद शुक्रवार को एएमयू टीचर्स एसोसिएशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने आए थे।
एएमयू के साथ हर समय खड़ा रहूंगा
एएमयू में अमुटा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष व नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने भाजपा निशाना साधा। साथ ही एएमयू को सर सैयद की जमीन बताते हुए तारीफ की। कहा कि मैं एएमयू के साथ हर समय खड़ा रहूंगा। भाजपा के लोग क्या कहते हैं, किस तरह मदद करते हैं। इस बात को समझना जरूरी है। जब मथुरा में मेरे साथियों पर पथराव हुआ, मैं बता नहीं सकता कि मैं किस हालात में हूं।
फिर भी यहां आया। मानवता को मानता हूं। सभी को अपना मानता हूं। सभी समता के रास्ते आए। मुल्क ने तरक्की की है। मुस्लिमों ने बहुत कोशिश की है। हमें हारना नहीं चाहिए। कोशिश और मजबूत करें। कहा कि लोकसभा में जो प्रश्न आप सुनते हो न, वो घंटों पहले सबमिट किए जाते हैं। किसी के पास जाने से बनते हैं। सत्ता में बैठे लोग कोशिश करते हैं कि हमारे भी सवाल आएं।
सदन को गुमराह कर लोगों की बात करते हैं। मैं सबकी बात करने की कोशिश करता हूं। पिछले साल 85 सवाल रखे। गरीबों के हक के सवाल रखता हूं। लिस्ट में अपना नाम कभी डेढ़ सौ नंबर पर कभी दो सौ नंबर पर देखता हूं। कभी पचास। मैं सोचता हूं कुदरत मेरे साथ नाइंसाफी क्यों करे। मैं हारने वाला नहीं। मैं अवसर तलाशता हूं। कोशिश करता हूं कि अवसर मिले और कोई न कोई विषय उठाऊं। जितने सवाल कम समय में मैंने उठाए हैं। वे किसी ने नहीं उठाए हैं।
भीम आर्मी की एक लाख से ज्यादा पाठशाला बनाएंगे
आजाद ने कहा कि मेरा शिकायतों से कोई ताल्लुक नहीं हैं। सरसैयद की जमीन है। कद बड़ा है। उनके लोग दुनिया भर में है। डाॉ. आंबेडकर ने शिक्षा का अधिकार देकर लड़ना सिखाया। शिक्षक क्या होता है जानता हूं। पिता शिक्षक थे। यहां जो पढ़ रहे हैं, शिक्षकों से नाराज न हों। सकारात्मक लें। मातापिता से बढ़ा दर्जा है गुरु का। एक स्कूल में नाम लिखना नहीं आ रहा था। कक्षा पांचवीं का छात्र। ये मुकाबला कैसे करेगा। इसलिए भीम आर्मी पाठशाला शुरू की। हमें सबसे पहले गिराने की कोशिश की गई वह पाठशाला बंद करने की कोशिश की गई। जेल भेजा। नोटिस दिया । वे मुझसे नहीं सर सैयद, अांबेडकर की सोच से लड़ रह हैं। दबाने की कोशिश कर रहे हैं। उसे बचाने की लड़ाई की। एक लाख से ज्यादा पाठशाला बनाएंगे।
संसद में नहीं होता तो लोगों के बीच होता हूं। एनआरसी के समय मैं जेल गया। उससे पहले बहुत स्वागत हुआ। और कुछ बताने से पहले आज की बता दूं। मथुरा गया। वहां जाते समय गार्डोंं पर हमला किया। आते समय यहां आना था, हमला हुआ। यहां आने का रोकने का प्रयास रहा होगा। सब कुछ पुलिस की देखरेख में हुआ है। वे हमारी हिम्मत तोड़ना चाहते हैं। सरकार ने कहा है कि हिम्मत तोड़ दें । इनकी बात न कह सकें। हम मर सकते हैं हिम्मत नहीं टूटने देंगे। जानवरों को पहले तूफान का अहसास होता है। हमें भी होता है। जो मुल्क में चल रहा है हम चुप रहने वाले नहीं।
मुसलमानों से कंधा मिलाकर नजर आते हैं आजाद
राजनीति विज्ञान विभाग के प्रो. मोहम्मद मुहिबुल हक ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद मुसलमानों से कंधा मिलाकर नजर आते हैं। नगीना के लोगों ने भरोसा जताया है। अब सूबे की सियासत करवट ले रही है। यूपी में कोई एलाइंस एक प्लेटफार्म पर नहीं आएंगे तब तक सफलता नहीं मिल सकती। आप अहमियत समझें पहली बार एमपी को बुलाया है। संविधान में 22 भाषा दर्ज हैं। 23 वीं भाषा के रूप में पानी को दर्ज होना चाहिए। इनका संरक्षण जरूरी है। इस अवसर पर अमुटा के अध्यक्ष प्रो. मोहम्मद खालिद, सचिव डा. औबेद अहमद सिद्दीकी व अन्य पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित रहे। शिक्षकों ने तीन घंटे से अधिक आजाद का इंतजार किया।
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