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    यूपी के इस जिले की 138 गोशालाओं में लगेंगे CCTV, लखनऊ से होगी निगरानी

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 05:30 AM (IST)

    सर्दी के मौसम में गोशालाओं की सुरक्षा और व्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए प्रशासन ने सभी आश्रय स्थलों में तिरपाल और सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की है। इससे स्थानीय और निदेशालय स्तर से रियल टाइम निगरानी संभव होगी। इसके अलावा, स्थानीय स्तर पर एक अलग कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जाएगा।    

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    जागरण संवाददाता, अलीगढ़। सर्दी का मौसम शुरू होते ही प्रशासन गोशालाओं की व्यवस्थाओं को मजबूत करने में जुट गया है। तिरपाल से हवाओं को रोकने की व्यवस्था के साथ अब गोवंश की सुरक्षा के लिए सभी आश्रय स्थलों को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जा रहा है। इससे स्थानीय स्तर के साथ ही निदेशालय स्तर से भी रियल टाइम निगरानी हो सकेगी। स्थानीय स्तर पर एक अलग कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा।

    20 वीं पशुगणना के मुताबिक जिले में 28,559 गोवंशीय पशु दर्ज हैं। इनके संरक्षण के लिए 138 गोआश्रय स्थल संचालित किए जा रहे हैं। इनमें 114 अस्थायी आश्रय स्थल, पांच गोसंरक्षण केंद्र, दो कांजी हाउस व 17 कान्हा गोशालाएं शामिल हैं। आश्रयों में वर्तमान में 31,295 गोवंश संरक्षित हैं। सरकार द्वारा प्रत्येक गोवंश के लिए 50 रुपये प्रतिदिन चारा सहायता उपलब्ध कराई जाती है। अब सर्दी के मौसम को लेकर गोशालाओं में प्रबंधन शुरू कर दिए हैं।

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    सख्त कार्ययोजना लागू

    डीएम संजीव रंजन ने इस बार व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए नई व सख्त कार्ययोजना लागू की है। इसके तहत हर गोशाला में कैमरा सिस्टम अनिवार्य किया गया है। इससे गोवंश की देखरेख, चारे की आपूर्ति, साफ-सफाई व स्टाफ की उपस्थिति पर लगातार नजर रखी जा सकेगी। निर्देशों के मुताबिक आश्रय स्थलों में हरे चारे, भूसा व पशु आहार की नियमित व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। किसानों से स्थानीय स्तर पर हरा चारा खरीदने के निर्देश दिए गए हैं।

    इससे चारे की कमी न होने होगी। पशु चिकित्सकों की टीम को हर तीसरे दिन स्थल का निरीक्षण कर रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। गोशालाओं में कर्मचारियों की तैनाती तीन शिफ्टों में आठ-आठ घंटे के लिए होगी। इसके साथ मुख्यमंत्री सामूहिक गो-आश्रय योजना से मिलने वाली धनराशि का सत्यापन समय पर अपलोड करना भी अनिवार्य किया गया है।

    सीसीटीवी कैमरा व्यवस्था लागू होने के बाद गोवंश की देखभाल अधिक पारदर्शी तरीके से होगी। अगर गोशला में किसी भी प्रकार की लापरवाही होती है तो तुरंत कार्रवाई संभव हो सकेगी। सभी चिकित्सकों को भी निरंतर भ्र्रमण कर गोवंशीय के स्वास्थ्य की जांच के निर्देश दिए गए हैं। -दिवाकर त्रिपाठी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी