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    भाजपा प्रत्‍याशी चौधरी ऋषिपाल सिंह बने निर्विरोध एमएलसी, डीएम ने दिया प्रमाण पत्र

    By Sandeep Kumar SaxenaEdited By:
    Updated: Thu, 24 Mar 2022 04:18 PM (IST)

    BJP candidate Rishipal Singh unopposed MLC अलीगढ़-हाथरस सीट पर भाजपा के उम्‍मीदवार ऋषिपाल सिंह को निर्विरोध एमएलसी घोषित कर दिया गया। गुरुवार दोपहर बाद डीएम सेल्वा कुमारी जे ने जीत का प्रमाण पत्र ऋषिपाल पाल को देते हुए घोषणा भी कर दी है।

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    डीएम सेल्वा कुमारी जे ने जीत का प्रमाण पत्र ऋषिपाल पाल को देते हुए घोषणा भी कर दी है।

    अलीगढ़, जेएनएन। अलीगढ़-हाथरस सीट पर भाजपा के उम्‍मीदवार ऋषिपाल सिंह को निर्विरोध एमएलसी घोषित कर दिया गया। गुरुवार दोपहर बाद डीएम सेल्वा कुमारी जे ने जीत का प्रमाण पत्र ऋषिपाल पाल को देते हुए घोषणा भी कर दी है। 

    एमएलसी चुनाव में सत्‍ता की हनक

    अलीगढ़ में सातों विधानसभा सीटों पर भाजपा पहले ही जीत दर्ज चुकी है, अब एमएलसी (अलीगढ़-हाथरस) चुनाव में चौधरी ऋषिपाल सिंह का निर्विरोध चुनना पहले ही तय हो गया था। एमएलसी का यह चुनाव शुरुआत से ही रोचक रहा है। इसलिए भाजपा, सपा, बसपा और रालोद सभी दल पूरी ताकत लगाने में कभी पीछे नहीं रहे हैं। जिस दल की सत्ता रहती है, उसकी हनक जरूर देखी गई है। एमएलसी के चुनाव में 1990 में राजेंद्र सिंह जनता दल से चुनाव लड़े थे। उन्हें भाजपा का समर्थन था। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने भी पूरी मदद की थी। राजेंद्र सिंह ने राजवीर सिंह चौहान को मात दी थी। राजेंद्र सिंह की जीत से भाजपा एमएलसी चुनाव में अपनी जमीन तैयार करनी शुरू कर दी थी। 1997 में भाजपा ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली। भाजपा से कृपाल सिंह ने जीत दर्ज की थी। एमएलसी चुनाव में भाजपा की यह पहली जीत थी। कृपाल सिंह ने इंद्रपाल सिंह को हराया था।

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    2004 में थी सपा की सरकार

    2004 में एमएलसी चुनाव काफी रोचक रहा। उस समय सपा की सरकार थी। राष्ट्रीय राष्ट्रीय क्रांति पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल ने भी सपा के साथ थी। राष्ट्रीय क्रांति पार्टी से कृपाल सिंह मैदान में थे, मगर राष्ट्रीय लोक दल ने लोकदल के प्रमुख चौधरी सुनील सिंह को भी मैदान में उतार दिया था। इस चुनाव में सूबे में मंत्री रहे राजवीर सिंह राजू भैया, अनुराधा चौधरी आदि ने भी दमखम लगा दिया था। चौधरी सुनील सिंह ने जीत दर्ज की थी। 2010 में बसपा से मुकुल उपाध्याय ने लोकदल से चौधरी सुनील सिंह को हराया था। 2016 के चुनाव में सपा की सरकार थी। प्रदेश में दबदबा था। सपा से जसवंत सिंह ने मैदान मार लिया था। मगर, 2022 के एमएलसी चुनाव में जसवंत सिंह चुनावी मैदान में करारी शिकस्त खा गए। उनके एक प्रस्तावक के न पहुंचने पर अब भाजपा जिलाध्यक्ष व प्रत्याशी चौधरी ऋषिपाल सिंह का निर्विरोध चुना जाना पूरी पहले ही तय हो गया था। यह पहली बार होगा जब किसी दल का प्रत्याशी एमएलसी निर्विरोध चुना जाएगा।