सावधान, कहीं फ्री ओमिक्रोन टेस्ट के नाम आपसे ठगी न हो जाए
साइबर ठग हर रोज नए तरीकों से लोगों को शिकार बना रहे हैं। अब कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन ओमिक्रोन का फ्री में टेस्ट कराने की आड़ ठगी का खेल शुरू हो गया है। प्रदेश में ऐसे मामले सामने के बाद पुलिस लोगों को जागरूक करने में लग गई है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। साइबर ठग हर रोज नए तरीकों से लोगों को शिकार बना रहे हैं। अब कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन ओमिक्रोन का फ्री में टेस्ट कराने की आड़ ठगी का खेल शुरू हो गया है। प्रदेश में ऐसे मामले सामने के बाद पुलिस लोगों को जागरूक करने में लग गई है। शुक्रवार को पुलिस ने स्टेट बैंक के बाहर लोगों को जागरूक किया।
साइबर क्राइम के प्रति जागरूकता जरूरी
दरअसल, मिनिस्ट्री आफ होम अफेयर्स ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत साइबर क्राइम लखनऊ के एडीजी ने लोगों को जागरूक करने पर जोर दिया है। इसी क्रम में यहां साइबर थाने के प्रभारी सुरेंद्र कुमार, एसआइ समरपाल ङ्क्षसह, महिला एसआइ कुसुम लता, सिपाही अमर कुमार व मंयक गौतम ने शुक्रवार को सुभाष चौक के पास भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा लोगों को साइबर अपराध से सुरक्षा के संबंध में जागरूक किया गया। इंस्पेक्टर ने बताया कि वैक्सीनेशन के नाम पर भी ठगी हो रही है। इसमें बाकायदा सेंटर का नाम बताया जाता है और झांसे में लेकर ओटीपी ले ली जाती है। ऐसे में बिल्कुल सतर्क रहें। ओटीपी न दें।
ऐसे करते हैं साइबर ठगी
साइबर ठग एक फर्जी लिंक के साथ ओमिक्रोन के लिए आरटी-पीसीआर परीक्षण के संबंध में ई-मेल भेजते हैं। यह फर्जी ङ्क्षलक असली जैसा ही दिखता है। फर्जी लिंक कोविड-19 ओमिक्रोन आरटी-पीसीआर टेस्टÓÓ कराने के नाम पर लोग झांसे में आ जाते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं।
इस तरह से करें बचाव
संदिग्ध ङ्क्षलक पर क्लिक करने से पहले प्रेषक के विवरण और ईमेल पते की जांच करें। अज्ञात प्रेषकों के ई-मेल से बचें। स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य सरकारी, गैर-सरकारी सेवाओं की अनौपचारिक वेबसाइटों का उपयोग करने से बचें। वेबसाइटों की प्रामाणिकता की जांच के लिए डोमेन नाम और यूआरएल की जांच करें।
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