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    एथलीट अब घर बैठे पाएंगे चेस्ट नंबर, विस्‍तार से जानिए नंबर लेने का तरीका Aligarh News

    By Sandeep kumar SaxenaEdited By:
    Updated: Thu, 14 Jan 2021 07:54 AM (IST)

    किसी भी एथलीट को प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए चेस्ट नंबर लेना पहली प्राथमिकता होती है। इसके लिए एथलीट प्रतियोगिता से पहले चेस्ट नंबर लेने के इंतजार में घंटो स्टेडियम या खेल कार्यालय में बिताता है। अब ऐसा नहीं होगा।

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    पीके श्रीवास्तव, एथलेटिक्स फेडरेशन आफ इंडिया कोर कमेटी मेंबर

    अलीगढ़, गौरव दुबे। किसी भी एथलीट को प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए चेस्ट नंबर लेना पहली प्राथमिकता होती है। इसके लिए एथलीट प्रतियोगिता से पहले चेस्ट नंबर लेने के इंतजार में घंटो स्टेडियम या खेल कार्यालय में बिताता है। अब ऐसा नहीं होगा। एथलेटिक्स खिलाड़ी के लिए चेस्ट नंबर आनलाइन आवंटित करने की व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था से बालक समेत बालिका एथलीट के लिए ज्यादा सुविधा हो गई है। एथलेटिक्स फेडरेशन आफ इंडिया (एएफआइ) ने केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान को मजबूती देते हुए ये कदम बढ़ाया है। एएफआइ के इस कदम से खिलाड़ियों को फायदे के अलावा कोरोना काल में चेस्ट नबंर के लिए लगने वाली भीड़ से भी निजात मिलेगी। अभी चेस्ट नंबर आवंटित कर टीम मैनेजर के पास भेज दिए जाते हैं। फिर प्रतियोगिता से ठीक पहले एथलीट को ये बांटा जाता है। मैनेजर या कोच साहब नहीं मिलते तो एथलीट भटकते रहते हैं। अब ऐसा नहीं होगा।

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    ऐसे हासिल करें चेस्‍ट नंबर

    जिले से बाहर चेस्ट नंबर लेने के लिए एथलीट प्रतियोगिता से एक-दो दिन पहले वहां पहुंचते हैं। ठहरने व खाने का खर्च भी उठाते हैं। बेटियों के लिए ऐसे में ज्यादा दिक्कत होती है। आनलाइन चेस्ट नंबर आवंटित होने से एथलीट प्रतियोगिता वाले दिन पहुंचकर काल रूम में मोबाइल पर आए अपने नंबर को बताकर चेस्ट नंबर हासिल कर सकता है। यूपी एथलेटिक्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव शमशाद निसार आजमी ने बताया कि एथलीट को प्रतिभाग के लिए अपने कोच या मैनेजर का मुंह नहीं ताकना पड़ेगा। कोई भी एथलीट अपनी ई-मेल या मोबाइल से सीधे अपना पंजीकरण कर सकता है। उसके मोबाइल व मेल पर ही चेस्ट नंबर भी आवंटित कर दिया जाएगा। इससे किसी के साथ पक्षपात भी नहीं हो सकेगा।

    आनलाइन एंट्री फीस रोकेगी ''खेल''

    आनलाइन चेस्ट नंबर आवंटित होने की प्रक्रिया में एथलीट को आनलाइन एंट्री फीस भी जमा करनी होगी। इससे ''खेल'' पर भी नकेल लगेगी। दरअसल, ट्रायल के वक्त ही एंट्री फीस ले ली जाती है। ऐसे में 10 में से अगर चार एथलीट नहीं अाए तो उनकी जगह अन्य चार एथलीट से फिर से एंट्री फीस लेकर उनको शामिल कर लिया जाता है। ये नए चार वालों की फीस की रकम ट्रायल कराने वाले की जेब में चली जाती है।

    एथलीट के बोल

    यह काफी सराहनी फैसला है। अभी मेरठ स्टेट में गई थी, वहां भी चेस्ट नंबर के लिए एक दिन पहले पहुंचना पड़ा। कोरोना काल में भीड़ से भी बचना पड़ता है। ये जरूरी भी है।

    किरन, नेशनल एथलीट

    आनलाइन चेस्ट नंबर आवंटित होने से काफी समस्याएं दूर होंगी। मैदान पर भटकना नहीं पड़ेगा। एथलीट का समय भी बचेगा जिसको वो प्रैक्टिस व वार्मअप में लगा सकते हैं।

    निधि चौधरी, नेशनल एथलीट

    खिलाड़ी हित में ये फैसला किया गया है। आगामी स्टेट व नेशनल चैंपियनशिप में एथलेटिक्स खिलाड़ियों को आानलाइन जरिए से ही चेस्ट नंबर मुहैया कराए जाएंगे।

    पीके श्रीवास्तव, एएफआइ कोर कमेटी मेंबर

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