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    स्टेट लेवल पर जिले व नेशनल लेवल पर स्टेट कोड से होगी एथलीट की पहचान Aligarh news

    By Parul RawatEdited By:
    Updated: Mon, 31 Aug 2020 02:47 PM (IST)

    डिस्ट्रिक्ट कोडिंग से दो जगहों से एक ही एथलीट के प्रतिभाग पर नकेल कसेगी। एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की पहल पर यूपी एथलेटिक्स एसोसिएशन ने इसकी शुरुआत भी कर दी है।

    स्टेट लेवल पर जिले व नेशनल लेवल पर स्टेट कोड से होगी एथलीट की पहचान Aligarh news

    अलीगढ़ [गौरव दुबे] । उत्तर प्रदेश  मेें अब एथलीट की पहचान उसके जिले के नाम से होगी। चैंपियनशिप में भाग लेेने वाले एथलीट को चेस्ट नंबर जारी होता है। अब उस नंबर के आगे जिले की स्पेलिंग के तीन या चार अक्षर लिखे जाएंगे। अब डिस्ट्रिक्ट कोडिंग के साथ चेस्ट नंबर जारी किया जाएगा। डिस्ट्रिक्ट कोडिंग से दो जगहों से एक ही एथलीट के प्रतिभाग पर नकेल कसेगी। एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की पहल पर यूपी एथलेटिक्स एसोसिएशन ने इसकी शुरुआत भी कर दी है। दो दर्जन से ज्यादा जिलों की कोडिंग भी कर ली गई है। इसकी शुरुआत यूपी से कर दी गई है। अब सितंबर के पहले हफ्ते में फेडरेशन की मीटिंग के बाद इसे देश के हर राज्य के लिए अनिवार्य भी किया जाएगा।
    डिस्ट्रिक्ट कोडिंग  के तहत यूनिक आइडी नंबर से ऑनलाइन पंजीकरण के बाद यूपी एथलेटिक्स एसोसिएशन की ओर से चेस्ट नंबर जारी किया जाएगा। उदाहरण के तौर पर अलीगढ़ के एथलीट को 'एएलआइजी-001' व मथुरा के एथलीट का 'एमएटीएच-001'  नंबर से चेस्ट नंबर जारी होगा। इससे यूपी की नॉर्थजोन चैंपियनशिप में हरियाणा का खिलाड़ी पहचान बदलकर नहीं दौड़ सकेगा। नॉर्थजोन या अन्य बड़ी चैंपियनिशप में एक एथलीट के दो जगहों से पंजीकरण कराकर खेलने के व दूसरे के नाम पर किसी अन्य खिलाड़ी के दौडऩे के मामले एसोसिएशन के संज्ञान में आने के बाद ये फैसला किया गया है। एक स्टेट से दूसरे स्टेट में जाकर एथलीट नॉर्थजोन चैंपियनशिप में खेल लेता था जो अब नहीं कर पाएगा।

    कॉलरूम में चेक होगा चेस्ट नंबर
    यूपी एथलेटिक्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव शमशाद निसार आजमी ने बताया कि, चैंपियनिशप शुरू होने से पहले एथलीट कॉल रूम में आता है। वहां उसका डिस्ट्रिक्ट कोड वाला चेस्ट नंबर दस्तावेजों के मिलान से चेक होगा। ये देखा जाएगा कि कॉल रूम तक आते-आते अपने चेस्ट नंबर किसी अन्य को तो नहीं दिया।

    यूनिक आइडी नंबर की व्यवस्था भी शुरू
    यूपी एथलेटिक्स एसोसिएशन हर एथलीट को ऑनलाइन यूनिक आइडी नंबर जारी करने की व्यवस्था अमल में ला चुकी है। किसी भी एथलीट के लिए जीवनभर यानी जब तक वो खेलता है तब तक यही यू-आइडी नंबर रहेगा। इसी के आधार पर पंजीकरण करा सकेगा। -पीके श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष, एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया का कहना है कि यूपी में ये व्यवस्था लागू कर तमाम जिलों की कोडिंग भी कर ली है। अगले हफ्ते फेडरेशन की मीङ्क्षटग के बाद इसे देश के हर राज्य पर लागू किया जाएगा। इससे दूसरे के नाम पर व दो जगहों से खेलने की संभावनाओं पर विराम लगेगा।

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