सियासत के 'प्रधान' बने अनूप, छोटे से किसान परिवार से तय किया राज्य मंत्री तक का सफर
छोटे से किसान परिवार से निकलकर सियासत के मैदान में अपनी पैैठ जमाने वाले अनूप प्रधान आज किसी नाम के मोहताज नहीं हैं। घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते फरीदाबाद में अपने रिश्तेदार के यहां रहकर इन्होंने गुजर बसर किया।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता । खैर विधायक अनूप सियासत के 'प्रधान' बनकर उभरे हैं। राजनीति में भले ही लंबी पारी नहीं रही हो, मगर उनके कार्य-व्यवहार ने राज्य मंत्री तक पहुंचा दिया। अनूप प्रदेश के शीर्ष नेताओं के चहेते बन गए। छोटे से किसान परिवार में जन्म लेने वाले अनूप ने जीवन में संघर्ष किया। घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने से फरीदाबाद अपने रिश्तेदार के घर रहकर गुजर-बसर करनी पड़ी, मगर उनकी सोच बुलंदिया छूने की रहीं। पिछली सरकार में लखनऊ में प्रदेश के वाल्मीकि सम्मेलन की कमान अनूप पर ही थी। सीएम योगी भी उसमें मौजूद थे। वहीं से उनकी क्षमता को सीएम ने पहचाना। दोबारा सरकार बनने पर अनूप को राज्य मंत्री की सौगात मिल गई। अनूप प्रदेश में वाल्मीकि समाज से मंत्री बनने वाले इकलौते हैं।
अनूप प्रधान के पास नौ बीघा खेत हैं
गभाना तहसील क्षेत्र के गांव रकराना निवासी अनूप प्रधान पर करीब नौ बीघे खेती है। इसी से परिवार गुजर-बसर करता था। बचपन संघर्षाें में बीता, हाईस्कूल तक शिक्षा प्राप्त कर सके। 2005 में उन्होंने सियासत में कदम रखा। पिसावा से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा, मगर 125 वोटों से हार गए। 2010 में धर्मपुर रकराना से प्रधान चुने गए। 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट से खैर से मैदान में उतरे थे, मगर तीसरे स्थान पर रहे। फिर हार नहीं मानी, फिर उन्होंने खैर विधानसभा क्षेत्र को लक्ष्य बना लिया। भाजपा ने उन्हें अनुसूचित मोर्चा के जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी। 2017 में फिर भाजपा ने भरोसा जताया और पहली बार विधायक चुने गए। 1.24 लाख वोट मिले थे। 2017 में युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रहे। दूसरी बार 1,24,198 वोट हासिल कर विधायक बने हैैं। उन्होंने 74,341 वोटोंं से बसपा की चारू कैन को हराया था।
प्रदेश में वाल्मीकि समाज को साधने का प्रयास
भाजपा ने अनूप को मंत्री बनाकर प्रदेश के वाल्मीकि समाज को साधने का प्रयास किया है। वाल्मीकि समाज भाजपा से सदैव से जुड़ा रहा है। समाज से कोई मंत्रीमंडल में शामिल नहीं रहा। पिछली सरकार में भी वाल्मीकि समाज से तीन विधायक सदन में पहुंचे थे, मगर किसी को मंत्री नहीं बनाया गया था।
सांसद ने संगठन में की पैरवी
अनूप को राज्य मंत्री बनाने में सांसद सतीश गौतम की भी भूमिका रही है। अनूप के दोबारा विधायक बनने के बाद ही सांसद ने लखनऊ में पैरवी शुरू कर दी। सीएम योगी से लेकर संगठन महामंत्री सुनील बंसल से मुलाकात की। सांसद ने संगठन को बताया कि अनूप की समाज में काफी पकड़ है, इससे प्रदेश भर में समाज को जोडऩे में मदद मिलेगी। अनूप प्रधान के राज्य मंत्री बनने पर जिला उपाध्यक्ष गौरव शर्मा, चंद्रमणि कौशिक, शल्य राज ङ्क्षसह समेत तमाम नेताओं ने उन्हें बधाई दी है।
वीआइपी हुई गभाना तहसील
अनूप खैर विधानसभा क्षेत्र से हों, मगर उनका गांव रकराना गभाना तहसील क्षेत्र में है। गभाना तहसील के गांव दौरऊ के हाथरस सांसद राजवीर दिलेर भी रहने वाले हैं। इससे गभाना के लोगों में भी जश्न का माहौल है।
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