AMU वीसी की चयन प्रक्रिया को चुनौती, कार्यवाहक वाइस चांसलर की पत्नी का नाम शार्ट लिस्ट होने पर गहराया विवाद
याचिका के अनुसार पिछले सप्ताह एएमयू गवर्निंग बाडी की बैठक में वीसी पद के लिए अंतिम तीन उम्मीदवारों को शार्टलिस्ट किया गया जिसमें कार्यवाहक कुलपति की पत्नी भी शामिल है। कार्यवाहक वीसी मोहम्मद गुलरेज की पत्नी नईमा खातून एएमयू के महिला कालेज की प्रिंसिपल हैं। उन्हें एएमयू कोर्ट शासी निकाय के सदस्यों के 50 वोट मिले। अन्य दो शार्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को क्रमशः 61 एवं 53 वोट मिले।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के कुलपति के चयन में कार्यवाहक वीसी की पत्नी का नाम शार्टलिस्ट की सूची में आने के बाद चयन प्रक्रिया की वैधानिकता को चुनौती दी गई है। याचिका की अगली सुनवाई 16 नवंबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति विकास बुधवार ने जामिया मिलिया इस्लामिया में कंप्यूटर विज्ञान विभाग के प्रोफेसर सैयद अफजल मुर्तजा रिजवी की याचिका पर दिया है।
याचिका के अनुसार पिछले सप्ताह एएमयू गवर्निंग बाडी की बैठक में वीसी पद के लिए अंतिम तीन उम्मीदवारों को शार्टलिस्ट किया गया, जिसमें कार्यवाहक कुलपति की पत्नी भी शामिल है। कार्यवाहक वीसी मोहम्मद गुलरेज की पत्नी नईमा खातून एएमयू के महिला कालेज की प्रिंसिपल हैं। उन्हें एएमयू कोर्ट शासी निकाय के सदस्यों के 50 वोट मिले।
अन्य दो शार्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों एम उरुज रब्बानी (AMU के मेडिसिन संकाय के पूर्व डीन) और फैजान मुस्तफा (प्रसिद्ध न्यायविद व नेशनल ला यूनिवर्सिटी नलसर के पूर्व वीसी) को क्रमशः 61 एवं 53 वोट मिले। मोहम्मद गुलरेज की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की बैठक में एएमयू कोर्ट में भेजने के लिए पांच उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया गया।
सोमवार को शासी निकाय ने फुरकान कमर (राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी व हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के पहले वीसी) और कय्यूम हुसैन (क्लस्टर यूनिवर्सिटी श्रीनगर के वीसी) के नाम हटाकर सूची को तीन कर दिया। कार्यवाहक वीसी की अध्यक्षता वाले पैनल द्वारा नईमा खातून का नाम शार्टलिस्ट किए जाने से हितों के टकराव का सवाल खड़ा हो गया है।
नामों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए एक बैठक में भाग लेने वाले एएमयू गवर्निंग बाडी के आठ सदस्यों ने भी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए एक मजबूत असहमति नोट प्रस्तुत किया है। वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज त्रिपाठी ने बताया कि इस संस्थान के अधिनियम और क़ानून में ऐसा कुछ भी नहीं है जो कुलपति को उस बैठक की अध्यक्षता करने या मतदान से रोकता है जिसमें उनकी पत्नी चयन के लिए उम्मीदवारों में से एक हैं।
उन्होंने बताया कि वीसी पद के लिए शार्टलिस्ट किए गए तीन नामों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा जाएगा, जो विश्वविद्यालय की विजिटर हैं। वह एएमयू के वीसी पद के लिए किसी एक नाम का चयन करेंगी। यदि कार्यवाहक वीसी की पत्नी के नाम का चयन किया गया तो नियुक्त होने पर नईमा खातून एएमयू की कुलपति बनने वाली पहली महिला होंगी।
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