प्रो एनआर माधवा मेनन को मरणोपरांत पद्म भूषण मिलने पर एएमयू में खुशी
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के पूर्व शिक्षक और भारत में आधुनिक कानूनी शिक्षा के अग्रदूत प्रो. एनआर माधवा मेनन को भारत सरकार द्वारा मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित किए जाने पर एएमयू बिरादरी में खुशी की लहर दौड़ गई।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के पूर्व शिक्षक और भारत में आधुनिक कानूनी शिक्षा के अग्रदूत प्रो. एनआर माधवा मेनन को भारत सरकार द्वारा मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित किए जाने पर एएमयू बिरादरी में खुशी की लहर दौड़ गई। एएमयू के शिक्षकों, विद्यार्थियों व अन्य स्टाफ ने प्रो. मेनन को मिले इस सम्मान पर हर्ष जताते हुए कहा कि ये सफलता एएमयू की गौरवशाली प्रगति में मील का पत्थर बन गई है। छात्रवर्ग में खुशी इसलिए भी है क्योंकि प्रो. मेनन एएमयू के पूर्व छात्र भी रहे हैं। प्रो. मेनन की पत्नी रीमा देवी ने भारत गणराज्य के राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के हाथों से पुरस्कार स्वीकार किया।
पूर्व शिक्षक और छात्र को पद्म भूषण पुरस्कार मिलने से खुशी
इस अवसर पर एएमयू के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि एएमयू समुदाय के लिए यह बहुत खुशी और सम्मान की बात है कि हमारे पूर्व शिक्षक और छात्र को प्रतिष्ठित पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। ऐसे विद्यार्थी व शिक्षक किसी भी संस्थान के लिए अनमोल हीरे की तरह होते हैं। ऐसे शिक्षक जिस संस्थान में होते हैं वहां के छात्र उनके सानिध्य में हमेशा तरक्की की राह पर अग्रसर होते हैं। प्रो. मेनन न केवल एएमयू के एक प्रतिष्ठित प्रोफेसर थे, जिन्होंने कानून की शिक्षा को एक नई दिशा एवं गति दी बल्कि उन्हें देश में आधुनिक कानून शिक्षा प्रणाली का जनक भी कहा जाता है। प्रो. मेनन ने ही पांच साल के एकीकृत बीएएलएलबी पाठयक्रम का प्रस्ताव रखा था।
एएमयू बिरादरी में खुशी की लहर
कुलपति ने कहा कि प्रो. मेनन एक महान शिक्षक और विद्वान थे, जो नेशनल ला स्कूल आफ इंडिया यूनिवर्सिटी और नेशनल ज्यूडिशियल अकादमी भोपाल के संस्थापक निदेशक थे। वे वेस्ट बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी आफ जूरीडिकल साइंसेज के संस्थापक कुलपति भी रहे। भारतीय सांख्यिकी संस्थान के अध्यक्ष के रूप में भी उन्होंने अपनी सेवाएं दीं। प्रो. मेनन ने एएमयू से एलएलएम और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। इसके साथ ही 1960 में शिक्षक के रूप में एएमयू में शामिल हुए। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में भी पढ़ाया। उन्होंने कानून शिक्षा, कानूनी पेशा, कानूनी सहायता, न्यायिक प्रशिक्षण और न्याय प्रशासन आदि विषयों पर एक दर्जन से अधिक पुस्तकें लिखीं। 2003 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। प्रो. मेनन का निधन आठ मई, 2019 को हुआ था। अब उनके मरणोपरांत उनकी पत्नी को जब पद्म भूषण सम्मान से नवाजे जाने की सूचना मिली तो एएमयू बिरादरी में खुशी छा गई।
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