Updated: Fri, 19 Sep 2025 03:29 PM (IST)
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के डेंटल कॉलेज के डॉक्टरों ने एक युवक के जबड़े से 11.5 सेंटीमीटर का ट्यूमर निकालने में सफलता पाई। बुलंदशहर निवासी युवक 10 साल से इस समस्या से जूझ रहा था जिसका पहले अहमदाबाद में ऑपरेशन हुआ था। एएमयू के डॉक्टरों की टीम ने प्रो. सज्जाद अब्दुर रहमान के नेतृत्व में चार घंटे तक चले ऑपरेशन में इस जटिल सर्जरी को अंजाम दिया।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ । अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के डॉ. जियाउद्दीन अहमद डेंटल कालेज व अस्पताल के डॉ.क्टरों ने एक युवक के जबड़े से विशाल आकार का ट्यूमर निकालने में सफलता हासिल की है। युवक पिछले 10 साल से इससे ग्रसित था।
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बुलंदशहर के डोमला निवासी मरीज का 13 साल पहले पहली बार अहमदाबाद में आपरेशन हुआ था। कुछ महीनों में ही ट्यूमर फिर उभर आया। करीब साढ़े 11 सेंटीमीटर आकार का यह ट्यूमर न केवल उसके चेहरे को विकृत बना रहा था। एएमयू के ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग में चार घंटे चले आपरेशन में विभागाध्यक्ष प्रो. सज्जाद अब्दुर रहमान के नेतृत्व में फैकल्टी और रेजिडेंट डॉ.क्टरों की टीम ने यह जटिल सर्जरी की।
टीम में कौन-कौन थे शामिल?
टीम में डॉ. मोहम्मद दानिश, डॉ. ताबिश उर रहमान, सीनियर रेजिडेंट डॉ. अनुप्रिया, जूनियर रेजिडेंट डॉ. जिंगशाइहुन, डॉ. रोशनी और डॉ. लवकुश शामिल रहे। एनेस्थीसिया विभाग की टीम, जिसका नेतृत्व डॉ. सैयद कमरान हबीब ने किया। मरीज तेजी से ठीक हुआ और एक हफ्ते बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
प्रो. रहमान ने बताया कि ऐसे ट्यूमर आमतौर पर बेनाइन होते हैं और दांत बनने की प्रक्रिया से जुड़े ऊतकों से उत्पन्न होते हैं। इनमें एमीलोब्लास्टोमा सबसे आम है।
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