AMU के हॉस्टल में हिंदू छात्रों के लिए नवरात्र में बनेगा अलग खाना, व्रत के भोजन को अलग काउंटर पर रखने की थी मांग
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) प्रशासन ने नवरात्रि में हिंदू छात्रों के लिए बड़ी राहत दी है। छात्र नेता अखिल कौशल की मांग पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने हिंदू छात्रों के लिए अलग से भोजन की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। कुलपति के आदेश के बाद सभी छात्रावासों के प्रोवोस्ट को इसे तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ । छात्र नेता अखिल कौशल की नवरात्र में हिंदू छात्र-छात्राओं के लिए रखी गई मांगों को एएमयू प्रशासन ने मान लिया है। उनके लिए अलग से खाना बनेगा। कुलपति प्रो. नईमा खातून के आदेश पर डीएसडब्ल्यू ने सारे छात्रावासों के प्रोवोस्ट को तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
एएमयू के छात्रावासों में रहने वाले हिंदू छात्रों को लेकर यह ऐतिहासिक फैसला है। छात्रावासों में बड़ी संख्या में मुस्लिम छात्र रहते हैं, जिस कारण बड़ी मात्रा में मांसाहारी भोजन परोसा व खाया जाता है। नवरात्र में हिंदू छात्र-छात्राओं का उसी कमरे में शाकाहारी भोजन करना मुश्किल हो जाता है।
एएमयू के डिप्टी प्राक्टर प्रो. हशमत अली खान ने बताया कि कई हिंदू छात्र नवरात्र में उपवास रखते हैं और उन्हें उपवास का खाना छात्रावास की डाइनिंग में न मिलने से परेशानी होती थी। उन्हें ऐसा लगता था कि इंतजामिया उनके बारे में और उनके धार्मिक त्योहारों के बारे में कुछ नहीं सोचता।
छात्र नेता ने की थी मांग
छात्र नेता ने मांग की थी कि व्रत में खाने वाले भोजन को अलग काउंटर पर रखें, जिससे जिन छात्रों का उपवास हो, उनको परेशानी न हो। डाइनिंग का मेन्यू हिंदू छात्रों की सहमति से बनेगा तो उन्हें भी अपनी राय रखने का मौका मिलेगा, जिससे छात्रों में एकता आएगी और मनमुटाव दूर होगा।
किसी भी छात्र की पढ़ाई और त्योहार मनाने की आजादी में कोई बाधा नहीं आएगी। अखिल कौशल ने चेतावनी दी कि छात्रावास में रहने वाले किसी हिंदू छात्र-छात्राएं ने इस संबंध में कोई शिकायत की तो आंदोलन किया जाएगा।
एएमयू में सहरी का इंतजाम, व्रत रखने वालों के भोजन क्यों नहीं
वरिष्ठ भाजपा नेत्री रूबी आसिफ खान ने एएमयू में हिंदू छात्रों का नवरात्र के भोजन के लिए समर्थन किया है। भाजपा नेत्री ने कहा है कि यूनिवर्सिटी के अंदर मस्जिद हो सकती है तो मंदिर क्यों नहीं? हिंदू छात्र-छात्राओं को यूनिवर्सिटी से बाहर पूजा करने जाना पड़ता है, जिससे उन्हें परेशानी होती है। यूनिवर्सिटी प्रशासन बगैर भेदभाव के काम करे।
यूनिवर्सिटी के अंदर पांच वक्त की नमाज हो सकती है तो पूजा क्यों नहीं?रमजान शरीफ के लिए सहरी का इंतजाम हो सकता है तो व्रत रखने वाले छात्रों के लिए फलाहार का क्यों नहीं? हिंदू छात्रों की मांग प्रशासन को माननी चाहिए। यूनिवर्सिटी में मंदिर ही बनवा दिया जाए तो हिंदू छात्रों को परेशानी नहीं होगी।
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