अलीगढ़ में मंदिरों पर 'आई लव मोहम्मद' लिखने वाला ही बना पुलिस का मुखबिर, डबल गेम का ऐसे हुआ खुलासा
अलीगढ़ में मंदिरों पर आपत्तिजनक नारे लिखने के मामले में पुलिस ने खुलासा किया कि जीशांत नामक व्यक्ति ने एसएसपी को जानकारी दी और दिलीप ने निगरानी रखी। धार्मिक नारे बुलाकगढ़ी से शुरू हुए। सीसीटीवी फुटेज में जीशांत दिखा। दिलीप के पकड़े जाने पर उसने सच्चाई बताई। जीशांत की लिखावट मंदिरों पर मिली, और अभिषेक ने भी साथ दिया। राहुल और जीशांत की मुख्य भूमिका थी।
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संतोष शर्मा, अलीगढ़। मंदिरों पर आइ लव मुहम्मद लिखने से तनाव के बीच गांव पहुंचे एसएसपी नीरज कुमार जादौन ने जिन लोगों से जानकारी जुटाई उनमें जीशांत भी था। उसने एसएसपी को गांव में क्या चल रहा है? कौन इसके पीछे हो सकते हैं? कौन माहौल खराब करना चाहता ये सब बताया। खुद उनके साथ ऐसा घूमता रहा जैसे उसका इससे कोई मतलब नहीं है। रात को मंदिरों पर जब धार्मिक शब्द लिख रहा था उसके लिए निगरानी का काम किया दिलीप ने। पुलिस के लिए वही सबसे कमजोर कड़ी साबित हुआ।
धार्मिक स्लोगन लिखने की शुरुआत बुलाकगढ़ी से हुई। इस गांव में मंदिर गांव के बाहर और भगवानपुर जाने वाले मार्ग पर थे। इसलिए ज्यादा चौकन्ना रहने की जरूरत नहीं हुई। जब भगवानपुर पहुंचे तो दिलीप को निगरानी के लिए रखा। दिलीप गलियों में देखता रहा ताकि गांव का कोई व्यक्ति उन्हें न देख ले। दोनों गांव में आइ लव मुहम्मद लिखने में उन्हें डेढ़ घंटा लगा। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो जीशांत बाइक लेकर नजर आया।
पुलिस का शक उस पर गया। पुलिस ने पहले जीशांत को ही उठाया। उसने पुलिस को बताया कि वह काम के सिलसिले में घूम रहा था। ऐसा वह अक्सर करता है। यह भी बताया कि वह तो घटना के अगले दिन गांव में था, पुलिस के साथ भी रहा। कप्तान साहब से बात भी हुई, वो ऐसा क्यों करेगा?
पुलिस ने उस पर अधिक दबाव बनाने की बजाय 26 अक्टूबर को गांव से गायब हुए दिलीप को तलाशना शुरू कर दिया। दिलीप पहले गाजियाबाद गया इसके बाद हरियाणा भाग गया। वहां होटल में भी रुका। दिलीप जब हाथ आया तो वह टूट गया। उसने पूरी सच्चाई उगल दी। आरोपितों में वह सबसे कमजोर कड़ी भी साबित हुआ। इसके बाद पुलिस ने एक-एक करके अन्य आरोपितों को भी दबोच लिया।
जीशांत की मिली लेखनी, अभिषेक ने भी दिया साथ
सभी मंदिरों पर एक जैसी लेखनी मिली थी। इससे अंदाजा लगाया जा रहा था यह किसी पढ़े लिखे व्यक्ति का काम है। वो सख्त जीशांत ही था। जो स्नातक की पढ़ाई कर रहा है। उसका बड़ा भाई स्कूल चलाता है। उसी स्कूल में पढ़ाने का लेकर मौलना से पहले भी विवाद हुआ था। तब पुलिस तक बात नहीं पहुंची थी। अभिषेक ने भी उसका साथ दिया। लोधा एसओ अंकित सिंह के अनुसार पूरे घटनाक्रम में राहुल और जीशांत की भूमिका रही है।

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