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    दो विभागों के बीच फंसा अलीगढ़ का ये खास बाईपास, दिल्‍ली व पलवल के यात्री परेशान, अफसर शांत

    अलीगढ़-पलवल मार्ग पर खैर और जट्टारी में बाईपास के लिए अभी इंतजार करना होगा। बाईपास के निर्माण की फाइल दो विभागों के बीच में फंसी हुई है। लोक निर्माण विभाग ने फाइल भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) को भेज दी है।

    By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Updated: Sat, 20 Nov 2021 07:19 AM (IST)
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    बाईपास के निर्माण की फाइल दो विभागों के बीच में फंसी हुई है।

    अलीगढ़, जागरण संवाददाता। अलीगढ़-पलवल मार्ग पर खैर और जट्टारी में बाईपास के लिए अभी इंतजार करना होगा। बाईपास के निर्माण की फाइल दो विभागों के बीच में फंसी हुई है। लोक निर्माण विभाग ने फाइल भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) को भेज दी है। एनएचएआइ ने यह फाइल केंद्रीय परिवहन मंत्रालय को भेजी है। वहां से अनुमति मिलने पर ही एनएचएआइ काम की शुरुआत करेगा। इसलिए अभी निर्माण कार्य में कुछ देरी लग सकती है।

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    यह है समस्‍या

    अलीगढ़-पलवल मार्ग करीब 67 किमी लंबा है। यह मार्ग हरियाणा और नोएडा को जोड़ता है। 552 करोड़ की लागत से इस मार्ग का निर्माण पीडब्ल्यूडी के प्रांतीय खंड की ओर से कराया गया है। करीब चार साल में यह बनकर तैयार हुआ है। कुछ स्थानों को यदि छोड़ दिया जाए तो बाईपास पूरी तरह से तैयार है। अलीगढ़-पलवल मार्ग की चौड़ाई 14 मीटर से अधिक है। बीच में डिवाइडर भी निकाला गया है। फोरलेन होने के चलते इस पर वाहन फर्राटा भर रहे हैं। मगर, खैर और जट्टारी पहुंचते ही वाहन चालकों की सांसेें फूलने लगती है। इन दोनों कस्बों में लंबा जाम लगाता है। सड़क की दुकानों पर वाहन खड़ा करते ही पब्लिक हंगामा शुरू कर देती है।

    लंबे समय से फंसा है पेंच

    खैर और जट्टारी में लंबे समय से बाईपास का पेंच फंसा हुआ है। दरअसल, पीडब्ल्यूडी ने अलीगढ़-पलवल मार्ग का निर्माण कराया है। फोरलेन मार्ग होने के चलते इसे एनएचएआइ में शामिल कर लिया गया है। इस पर टोल टैक्स लगाने की भी तैयारी चल रही है। इसलिए पीडब्ल्यूडी ने अब फाइल एनएचएआइ को सौंप दी है। एनएचएआइ को अभी तक केंद्रीय परिवहन मंत्रालय से अनुमति नहीं मिली है। इसलिए बाईपास के निर्माण को लेकर असमंजस बना हुआ है। सूत्रों का कहना है कि एनएचएआइ बाईपास का निर्माण नहीं करना चाहती है। क्योंकि जीटी रोड का लंबा कार्य उसके पास पहले से है। खैर और जट्टारी में दोनों स्थानों पर बमुश्किल 10-10 किमी के बाईपास बनेंगे। इसलिए एनएचएआइ इस कार्य में अभी हाथ नहीं डालना चाहती है।

    पीडब्ल्यूडी को सड़क के निर्माण की जिम्मेदारी थी, वो पूरा करा दिया गया है। इसके बाद फाइल एनएचएआइ को सौंप दी गई है। अब आगे की कार्रवाई उन्हें करनी है। बाईपास का बोर्ड मार्ग के निर्माण के चलते लगाया गया होगा।

    अनिल कुमार शर्मा, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी

    फाइल मंत्रालय को भेजी गई है। वहां से अनुमति का इंतजार है। मंत्रालय से जैसा निर्देश मिलेगा, उसी प्रकार से निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है।

    पीपी सिंह, परियोजना प्रबंधक, एनएचएआइ