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    Aligarh Junction Building को विरासत के रूप में संजोएगा रेलवे, हवाई अड्डे जैसा लुक देने को बदला प्‍लान

    अलीगढ़ जंक्शन के भवन को रेलवे अब विरासत के रूप में संजोएगा। हवाई अड्डे जैसा लुक देने की योजना में बदलाव किया गया है और ब्रिटिशकाल में बने भवन को हेरिटेज बिल्डिंग बनाने का प्रस्ताव है। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत स्टेशन पर हवाई अड्डे जैसी सुविधाएँ देने के लिए 800 करोड़ की लागत आएगी। पुराने भवन को सुंदर रूप दिया जाएगा।

    By Jagran News Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 05 Jul 2025 12:41 PM (IST)
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    अब ब्रिटिशकाल में बने भवन को हेरिटेज बिल्डिंग की होगी पहल। जागरण

    संदीप सक्सेना, अलीगढ़। हवाई अड्डे जैसा लुक देने के लिए अलीगढ़ जंक्शन के पुराने भवन को अब तोड़ा नहीं जाएगा। ब्रिटिशकाल में बने इस भवन को रेलवे विरासत की तरह संजोएगा।

    हेरिटेज बिल्डिंग में शामिल कराने के लिए प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है। इसके लिए रेलवे ने अपनी योजना में बदलाव किया है। नए भवन के लिए बनाए गए नक्शे और डिजायन बदले जाएंगे।

    अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत स्टेशन पर हवाई अड्डे जैसी सुविधा देने के लिए 800 करोड़ की लागत से नया बहुमंजिला भवन का निर्माण होना है।

    इसके लिए डेढ़ वर्ष पहले तैयार कराए गए नक्शे व डिजायन में पुराने भवन को तोड़कर नया निर्माण प्रस्तावित था। लेकिन, अब 158 साल पुराने भवन को और सुंदर रूप देने की योजना है। स्टेशन का भवन करीब तीन एकड़ क्षेत्र में बना हुआ है। इसमें से प्लेटफार्म नंबर एक से लगता पुराना भवन 7900 एक्वायर मीटर क्षेत्र में है।

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    इसकी दीवारों और गेट को अब नहीं तोड़ा जाएगा। वर्तमान में मौजूद आवासीय कालोनी, कार्यालय, आरक्षण कक्ष, अस्पताल, मनोरंजन कक्ष, यूनियन कार्यालय तोड़कर मल्टी काम्पलैक्स बनाने की योजना है, जिसमें सिनेमाघर, शापिंग माल, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, फाइव स्टार होटल, कैफेटेरिया, पार्किंग स्थल, विश्रामालय होंगे।

    सेंटर प्वाइंट साइड में ब्रिटिशकाल में बने भवन के गेट में कोई बदलाव नहीं होगा। दिल्ली-हावड़ा रेल रूट पर स्थित इस स्टेशन को ए श्रेणी में गिना जाता है। इसके नवनिर्माण की जिम्मेदारी गतिशील शक्ति यूनिट को सौंपी गई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्टेशन बनाने के लिए फिर से डिजाइन तैयार कराई जा रही है। स्वीकृति मिलने के बाद इस वर्ष के अंत तक काम शुरू होने की संभावना है।

    इसलिए है खास

    अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और ताला उद्योग के लिए विख्यात इस शहर के रेलवे स्टेशन से करीब 20 हजार यात्री रोजाना यात्रा करते हैं। इनमें विभिन्न प्रदेशों से कारोबारी भी आते हैं।

    जिले में डिफेंस कारिडोर, धनीपुर हवाई अड्डा और पास के ही जिले गौतमबुद्ध नगर के जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा तैयार होने के बाद अलीगढ़ में यात्रियों के अलावा कारोबारियों के आने की संख्या भी बढ़ेगी। इसे ध्यान में रखते हुए ही रेलवे स्टेशन पर बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।

    158 साल पुराना है भवन

    गजेटियर्स के अनुसार वर्ष 1854 में कलक्टर वाटसन के दरबार में रेलवे के अधिकारियों ने उत्तर रेलवे की लाइन बिछाने के लिए मुलाकात की थी। उन्होंने स्वीकृति देने में देरी नहीं की और उसी साल निर्माण शुरू हो गया। वर्ष 1865-66 में स्टेशन का निर्माण पूरा होने पर रेलवे सेवा शुरू हो गई थी।

    सबसे पहले एक ही रेलवे लाइन बिछाई गई थी। 1866 में ईस्ट इंडियन रेलवे कंपनी की कोयले वाले इंजन से ट्रेनें इस लाइन पर चलने लगीं थीं। 1894 में अवध और रोहिलखंड रेलवे द्वारा रामपुर के रास्ते बरेली-मुरादाबाद होकर अलीगढ़ की एक शाखा लाइन डाली गई थी। इस शाखा लाइन के बाद स्टेशन अलीगढ़ जंक्शन में तब्दील हो गया।

    यह है खासियत

    भवन यूरोपीय माडल के अनुरूप बना है। इसके निर्माण में कोलोनियल व सेमी सरक्यूलर आर्ट को शामिल किया गया है। यूरोप में ज्यादातर रेलवे स्टेशन इसी तरह बने हुए हैं। स्टेशन की दीवारों की गोलाई व छत आदि यूरोपियन स्थापत्य कला को दर्शाती हैं। सुरक्षा की दृष्टि से ट्रैक के बीच बनाई गई दीवार अलीगढ़ स्टेशन को खास बनाए हुए है।

    07 प्लेटफार्म हैं जंक्शन पर

    • 120 ट्रेन स्टेशन से गुजरती हैं रोजाना
    • 55 ट्रेनों का स्टेशन पर है ठहराव
    • 65 ट्रेन स्टेशन पर नहीं रुकती
    • 30 मालगाड़ी प्रतिदिन गुजरती हैं

    अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत स्टेशन का नवनिर्माण होना है। हेरिटेज प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। हेरिटेज भवन का संरक्षण करते हुए अलीगढ़ जंक्शन का विकास होगा। इसे लेकर कई पहलुओं पर सुझाव भी आए हैं। - शशिकांत त्रिपाठी, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर मध्य रेलवे