Updated: Fri, 12 Sep 2025 02:50 PM (IST)
अलीगढ़ में पांच साल पहले विवाहिता नीलम को दहेज के लिए जलाकर मारने के मामले में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने पति समेत पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोषियों में मृतका का पति जेठ जेठानी सास और ससुर शामिल हैं जिन पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। मृतका के भाई ने दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। पांच वर्ष पूर्व विवाहिता की जलाकर हत्या करने के पांच दोषियों को एडीजे फास्ट ट्रैक प्रथम अंजू राजपूत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोषियों में पति के साथ ही बुलंदशहर सीएमओ कार्यालय में बाबू जेठ, जेठानी व सास व ससुर शामिल हैं। इन्हें 50-50 हजार रुपये जुर्माने से भी दंडित किया गया है।
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अभियोजन अधिवक्ता एडीजीसी हर्षवर्धन सिंह के अनुसार आगरा हींग की मंडी निवासी तेजवीर सिंह ने मुकदमे में बताया था कि उन्होंने बहन नीलम की शादी वर्ष 2018 में उत्तम नगर नई दिल्ली मूल फायर ब्रिगेड कालोनी बन्नादेवी निवासी प्रदीप भारती संग की थी। शादी में 20 लाख रुपये खर्च हुए थे। शादी के बाद से ही ससुराली उनकी बहन को दहेज के लिए परेशान करने लगे। दहेज में कार की मांग करते थे। मांग पूरी न होने पर नीलम का उत्पीड़न करते थे। कई बार शिकायत पर सुलह के बाद बहन को वापस ससुराल भेजा गया।
31 अक्टूबर 2020 की देर शाम बहन ने फोन पर मारपीट होने की जानकारी दी। बताया कि उसके पति व ससुराल वाले उसे मारने की योजना बना रहे हैं। जब वे आगरा से अलीगढ़ पहुंचे तो उनकी बहन बुरी तरह झुलसी हुई थी। केरोसिन डालकर जलाया गया था। वह 80 प्रतिशत झुलस गई थीं। उसे जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। तेजवीर सिंह की तहरीर पर पति प्रदीप भारती, सास रामबेटी, ससुर रामजीलाल, बुलंदशहर सीएमओ कार्यालय में बाबू जेठ दीनदयाल अस्पताल परिसर निवासी मनोज भारती, जेठानी शशि, एक अन्य देवर व ननद को नामजद किया गया। नीलम को मेडिकल कालेज से दिल्ली रेफर कर दिया गया। आठ नवंबर को मृत्यु हो गई।
मृत्यु से पूर्व मजिस्ट्रेट ने बयान दर्ज किए। इसमें महिला ने पांचों नामजदों पर केरोसिन डालकर जलाने का आरोप लगाया था। इसी आधार पर पुलिस ने पांचों के खिलाफ चार्जशीट दायर की और सत्र परीक्षण में दोषी करार करते हुए सजा सुनाई गई।
जेवर हड़प लिए थे, जिसके बाद कर दी हत्या
अभियोजन अधिवक्ता हर्षवर्धन सिंह के अनुसार इस मामले में अदालत में महिला के बयान व अन्य साक्ष्यों व गवाहों से साबित हुआ कि शादी के बाद वह दिल्ली में अपने पति के साथ रहती थीं। घटना से पूर्व ससुराल में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने आई थी। यहां ससुरालियों ने उसके जेवर हड़प लिए। उसने विरोध किया तो विवाद हुआ। उसी के चलते हत्या की गई थी। इसलिए इसे दहेज हत्या नहीं माना गया।
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