अलीगढ़ में युवक को कुत्ते ने काटा, 14 घंटे के बाद ही दिखने लगे रेबीज के लक्षण, घरवालों को काटने दौड़ा, जीभ निकालकर...
कुत्ते के काटने के बाद एक युवक में गंभीर लक्षण दिखाई दिए। एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने से पहले उसकी हालत बिगड़ गई, जिसके बाद स्वजन उसे सीएचसी ले गए। व ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, अलीगढ़। एक युवक को शनिवार को कुत्ते ने काट लिया। रविवार की सुबह एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने से पहले ही वह जीभ बाहर निकालकर खुद को काटने के अलावा स्वजन को भी काटने के लिए दौड़ने लगा। स्वजन किसी तरह उसे काबू में कर सीएचसी ले गए, जहां से उसे दिल्ली रेफर कर दिया गया।
सामान्यत: कुत्ते या अन्य जानवर के काटने के एक से तीन माह बाद ही संक्रमण फैलता है, जिसे ‘इन्क्यूबेशन पीरियड’ कहा जाता है, मगर युवक के 14-15 घंटे में ही संक्रमण फैलने से चिकित्सक व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी हैरान हैं। तहसील क्षेत्र के गांव उटबारा में शनिवार की शाम लगभग छह बजे 20 वर्षीय रामकुमार उर्फ रामू के पैर पर गली में घूम रहे कुत्ते ने काट लिया था।
घर पर ही किया प्राथमिक इलाज
रामकुमार ने घाव को धोकर घर पर ही प्राथमिक इलाज कर लिया और स्वजन से कहा कि रविवार सुबह खैर सीएचसी पर जाकर एंटी रेबीज वैक्सीन लगवा लेगा। पिता ऋषिपाल ने बताया कि खाना खाने तक वह बिल्कुल सामान्य था। जैसे ही वह सीएचसी जाने की तैयारी करने लगा तभी अचानक उसका व्यवहार बदलना शुरू हो गया। जीभ बाहर निकालकर हांफने लगा।
स्वयं को ही नहीं, स्वजन को भी काटने के लिए दौड़ा। शोर-शराबा सुनकर ग्रामीण भी इकट्ठा हो गए। युवक की हालत बिगड़ती देख ग्रामीणों ने उसे किसी तरह काबू में कर चारपाई से बांध दिया। इसी हालत में उसे सीएचसी लेकर पहुंचे। चिकित्सा अधिकारी डा. रोहित भाटी ने प्राथमिक इलाज कर उसे महर्षि वाल्मीकि संक्रामक रोग अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।
डा. भाटी ने बताया कि सामान्य परिस्थितियों में इतनी जल्दी रेबीज के लक्षण नहीं दिखते, लेकिन यदि काटने वाला कुत्ता पहले से ही रेबीज संक्रमित या पागल अवस्था में हो, तो बीमारी का प्रभाव जल्दी दिखाई दे सकता है। इसलिए पशु के काटने के तुरंत बाद एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाना बेहद आवश्यक है।

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