रेबीज के ये हैं 5 खतरनाक लक्षण, कुत्ता, बंदर, बिल्ली... इन जानवरों के काटने पर तुरंत लगवाएं टीका
रेबीज के मामले में लापरवाही से लोगों की जान जा रही है। समय पर टीकाकरण न होने और कुत्ते के काटने के बाद उचित उपचार न लेने से खतरा बढ़ रहा है। सरकारी अस्पतालों में एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है। विशेषज्ञ समय पर वैक्सीन लगवाने और सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं ताकि इस घातक बीमारी से बचा जा सके।

कुत्ता काटने पर तात्कालिक उपचार
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घाव को बहते पानी में 15 मिनट तक साबुन से धोएं। -
अगर घाव गहरा है, तो पानी की तेज धारा का इस्तेमाल करें। -
एंटीसेप्टिक जैसे बेटाडाइन या अल्कोहल लगाकर घाव को संक्रमणरहित करें। -
काटने पर जितना जल्दी हो सके (24 से 72 घंटों में) वैक्सीन लगवाएं। -
घाव अधिक गहरा हो तो आरआइजी लगवाएं। -
टिटनेस का टीका भी लगा सकते हैं।
वैक्सीन के बाद भी रेबीज के कारण -
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टीका समय पर नहीं लगना। -
गहरा जख्म होने पर आरआइजी न लगना। -
टीके की पूरी डोज न लगवाना। -
कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता।
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