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    Aligarh News: 25 हजार के इनामी बदमाश सहित तीन गिरफ्तार, 11 लाख का माल बरामद

    Updated: Fri, 18 Jul 2025 07:39 PM (IST)

    इगलास पुलिस ने स्वाट टीम के साथ मिलकर पशु चोरी गिरोह का पर्दाफाश किया है। तीन बदमाश गिरफ्तार किए गए हैं जिनमें एक इनामी बदमाश भी शामिल है। इनके कब्जे से चोरी की पांच भैंसें और 11 लाख रुपये का माल बरामद हुआ है। ये गिरोह दिन में रैकी करके रात में भैंस चुराता था और जेल में मिलकर अपराध की योजना बनाता था।

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    25 हजार के इनामिया सहित तीन गिरफ्तार।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

    संवाद सूत्र, इगलास। भैंस चोरी जैसी आम समझी जाने वाली वारदातें सिर्फ छोटे-मोटे अपराध नहीं रहे। यह संगठित अपराध का रूप ले चुकी हैं। इगलास पुलिस और स्वाट सर्विलांस टीम ने पशु चोरी गैंग का पर्दाफाश किया है। तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें एक 25 हजार रुपये का इनामी बदमाश भी शामिल है। इनसे पांच भैंस सहित करीब 11 लाख रुपये के माल की बरामदगी हुई है।

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    सीओ महेश कुमार ने प्रेस वार्ता में बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि तीन शातिर अभियुक्त अलीगढ़-मथुरा रोड स्थित मंडी रोड के निकट खेत में छिपे हैं। टीम ने घेराबंदी कर सत्यपाल पुत्र ओंकार सिंह निवासी करथला थाना इगलास, चंद्रपाल व कुलदीप पुत्रगण राजेंद्र उर्फ सुल्ला निवासी कन्होई थाना गभाना को गिरफ्तार कर लिया।

    कुलदीप पर थाना अतरौली में दर्ज मुकदमे में 25 हजार का इनाम घोषित है। गिरोह के सदस्य गांव कन्होई थाना गभाना के सोमवीर व गांव दरियापुर थाना जवां के यूनुस को पहले ही पुलिस मुठभेड़ के दौरान 16 जुलाई को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। सीओ ने बताया इनका चोरी करने का तरीका बेहद योजनाबद्ध था। दिन में रैकी करते थे। रात में भैंसों को चुरा लेते थे। खेतों की तारबंदी काटने के लिए प्लास, दीवार तोड़ने के लिए सब्बल और डरा-धमकाकर भागने के लिए चाकू या तमंचा साथ रखते थे। चोरी की गई भैंसों को सत्यपाल अपने गांव ले जाता था। 20 हजार प्रति भैंस की दर से पैसे चारों में बराबर बांट लिए जाते थे। आगे भैंस बेचने का काम सत्यपाल करता था।

    अब तक इस गिरोह के कुल पांच सदस्य गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसी पैसे से इन्होंने गाड़ी व बाइक खरीदीं जिनका इस्तेमाल रैकी व वारदात में होता था। इनके कब्जे से चोरी की पांच भैंस, तीन चाकू, एक स्कार्पियो, एक बाइक, नकदी सहित करीब 11 लाख रुपये का माल बरामद किया गया है। इस मौके पर इंस्पेक्टर नरेंद्र यादव, इंस्पेक्टर विपिन कुमार, एसएसआई ऋषिपाल कसाना, संदीप चौहान व पुलिस टीम मौजूद रही।

    अपराध की लंबी फेहरिस्त

    गिरफ्तार आरोपितों के खिलाफ अलीगढ़, गभाना, अतरौली, खैर, दादों, गोधा, इगलास आदि क्षेत्रों में दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं। चोरी, लूट, गौवध, आर्म्स एक्ट से लेकर बीएनएस की गंभीर धाराओं में ये आरोपी वांछित रहे हैं। कुलदीप पर 27 मुकदमे, सत्यपाल पर 26 मुकदमे, चंद्रपाल पर 23 मुकदमे हैं। चंद्रपाल का भाई जितेंद्र जेल में है और पिता राजेंद्र जमानत पर। गैंग गांव पहाडीपुर, सीतापुर, बिसाहुली, मोहनपुर, बेलौठ सहित कई गांवों में भैंस चोरी की घटनाओं को अंजाम दे चुका है। लगातार हो रही पशु चोरी से ग्रामीण बेहद परेशान थे। इस गिरोह के पर्दाफाश से क्षेत्र में राहत की सांस मिलने की उम्मीद है। बरामद भैंस सीतापुर, लालपुर, पहाड़ीपुर व बिसाहुली से चोरी की गई थी।

    जेल में पनपा जुर्म का गठजोड़

    जेलें सुधार गृह नहीं, बल्कि जुर्म की पाठशाला भी बनती जा रही हैं। जहां कैदियों को सुधरने का मौका मिलना चाहिए, वहां वे अपराध की नई योजनाएं बनाकर निकलते हैं। पुलिस ने पकड़े भैंस चोर अलीगढ़ की जेल में कुछ साल पहले पांच अलग-अलग मुकदमों में बंद हुए थे। जिला कारागार में रहते हुए दोस्ती की थी। जेल में ही उनकी आपसी पहचान, भरोसे और योजनाओं ने अपराध के गठजोड़ की नींव रख दी।

    सीओ ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों ने पूछताछ में कबूला है कि उन्होंने बाहर आने पर भैंस चोरी जैसे अपराध को संगठित व्यवसाय की तरह अंजाम देना शुरू कर दिया। जेल से छूटने के बाद दिन में गांवों की रैकी की, रात में चोरी।

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