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    अलीगढ़ के चारों ओर नेशनल हाई-वे, रामघाट व आगरा रोड होंगे फोरलेन, ये होंगी सुविधाएं

    By Mukesh ChaturvediEdited By:
    Updated: Sat, 09 Mar 2019 09:10 AM (IST)

    रामघाट रोड के फोरलेन को हरी झंडी मिल गई है। अब यह मार्ग भी राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आ गया है। इस मार्ग के एनएचएआइ में शामिल होने ...और पढ़ें

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    अलीगढ़ के चारों ओर नेशनल हाई-वे, रामघाट व आगरा रोड होंगे फोरलेन, ये होंगी सुविधाएं

    अलीगढ़ (जेएनएन)। रामघाट रोड के फोरलेन को हरी झंडी मिल गई है। अब यह मार्ग भी राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आ गया है। हालांकि, एक साल पहले ही इस मार्ग के एनएचएआइ में शामिल होने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। मगर, गुरुवार को लखनऊ में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने रामघाट रोड के डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) का विधिवत शुभारंभ कर दिया। इस मार्ग को अब एनएचएआइ ही बनाएगी। वहीं, अलीगढ़-आगरा हाई-वे के भी फोरलेन के लिए डीपीआर बनाया जाएगा।

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    राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह का गांव है इसी मार्ग पर
    रामघाट रोड जिले के वीआइपी मार्गों में से एक है। राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह, उनके नाती और सूबे के शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह का पैतृक गांव भी इसी मार्ग पर पड़ता है। संदीप सिंह ने करीब एक साल पहले लोक निर्माण मंत्री केशव प्रसाद मौर्य को पत्र लिखकर रामघाट रोड को एनएचएआइ में शामिल किए जाने की मांग की थी। अब एनएचएआइ को डीपीआर के निर्देश मिलने के बाद से इसपर प्रक्रिया तेज हो जाएगी। क्वार्सी से लेकर हरदुआगंज तक रामघाट रोड 14 मीटर चौड़ा है। आगे हरदुआगंज से रामघाट तक यह मार्ग सात मीटर चौड़ा ही रह जाता है।

    22 मीटर और अधिक होगा चौड़ा
     क्वार्सी से लेकर रामघाट तक करीब 45 किमी लंबा मार्ग है। एनएचएआइ इसे करीब 22 मीटर चौड़ा बनाएगा। डीपीआर में बाइपास, काली नदी पर पुल की चौड़ाई और लागत आदि सब तय होगी। अप्रैल में इसकी तैयारी शुरू हो जाएगी।

    सिक्सलेन का बनेगा प्लान
    रामघाट रोड बनेगी तो फोरलेन मगर सिक्सलेन के हिसाब से जमीन का अधिग्रहण होगा, जिससे आगे ट्रैफिक बढऩे पर सिक्सलेन बनाने में कोई दिक्कत न हो। एनएचएआइ डीपीआर इसी अनुसार बनाएगा।

    अलीगढ़-आगरा होगा फोरलेन
    अलीगढ़-आगरा एनएचएआइ-93 भी फोरलेन होगा। अभी तक यह मार्ग 10 मीटर ही चौड़ा है। फोरलेन बनने के बाद एक तरफ की चौड़ाई करीब 22 मीटर हो जाएगी। डिवाइडर भी करीब दो मीटर चौड़ा होगा। सिर्फ आबादी वाले क्षेत्र में डिवाइडर की चौड़ाई कम हो सकती है।

    जीटी रोड का भी शिलान्यास
    जीटी रोड हाई-वे 91 का भी शिलान्यास होने से इसपर कार्य की गति तेज होगी। हालांकि, एनएचएआइ ने इस पर काम शुरू कर दिया है। पनेठी से लेकर मैनपुरी तक पेड़ों का कटान शुरू हो गया है। चौड़ीकरण का भी काम कराया जा रहा है। जीटी रोड कानपुर तक 280 किमी फोरलेन होगी।

    अलीगढ़-पलवल मार्ग को भी मिली हरी झंडी
    अलीगढ़-पलवल मार्ग को भी एनएचएआइ में शामिल किए जाने की हरी झंडी मिल गई है। इस मार्ग पर दो साल से कसरत चल रही थी। चूंकि पीडब्ल्यूडी ने ही इसका डीपीआर बनाया था और ठेका भी उठा दिया था इसलिए पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार ने कोर्ट की शरण ले ली थी। बताया जाता है वहां यह तय हुआ था कि इसका निर्माण पीडब्ल्यूडी ही कराएगी। अब एनएचएआइ को इसका डीपीआर बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

    हाथरस-कासगंज मार्ग भी हाई-वे में शामिल
     हाथरस-कासगंज मार्ग भी नेशनल हाई-वे में शामिल किया गया है। यह मार्ग पीलीभीत से मथुरा तक बनाया जाएगा। हालांकि, अलीगढ़ से होकर यह नहीं निकलेगा। जिले की सीमा सिकंदराराऊ से होते हुए यह कासगंज की तरफ निकल जाएगा।

    चारों ओर से जुड़ जाएगा अलीगढ़
    जीटी रोड 91, अलीगढ़-आगरा 93, रामघाट रोड के निर्माण होने से अलीगढ़ चारों ओर से हाई-वे से जुड़ जाएगा। अनूपशहर रोड से मुरादाबाद के लिए निकल रहे हाई-वे पर कार्य चल रहा है। इससे अलीगढ़ से दिल्ली, कानपुर, आगरा, मुरादाबाद और रामघाट आदि स्थानों के लिए निकलना आसान हो जाएगा। एनएचएआइ के प्रोजेक्ट  प्रबंधक पीपी सिंह का कहना है कि रामघाट रोड के डीपीआरके निर्देश मिले हैं। टेंडर करके जल्द ही प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

    हरियाली पर फिर चलेगी आरी
    रामघाट रोड और अलीगढ़-आगरा हाईवे को फोरलेन बनाए जाने पर करीब 20 हजार से अधिक पेड़ों पर आरी चलेगी। विभागीय लापरवाही के चलते अनावश्यक रूप से पेड़ों का कटान होगा। अभी हाल ही में रामघाट रोड के दोनों ओर पौधरोपण किए गए हैं। बमुश्किल छह महीने ही पूरे हुए हैं, जबकि रामघाट रोड के फोरलेन की चर्चा एक वर्ष से अधिक समय से चल रही थी। सड़क के एकदम नजदीक पौधरोपण किए जाने पर दैनिक जागरण ने इस मुद्दे को उठाया भी था, मगर वन विभाग ने अतरौली से लेकर अलीगढ़ के तालानगरी तक पौधरोपण कर डाला। अलीगढ़-आगरा हाई-वे के किनारे भी तीन-चार वर्ष पहले पौधरोपण किए गए थे। अब ये पेड़ बड़े हो रहे थे। फोरलेन बनाए जाने से यहां की भी हरियाली पर आरी चलेगी। अलीगढ़-पलवल मार्ग पर एक वर्ष पहले 10 हजार के करीब पेड़ों का कटान किया गया था। इसके एवज में जिले में जगह न होने पर 400 के करीब पेड़ उन्नाव जिले में रोपे गए थे।