खेल-खेल में बच्चे के सीने में लगी चोट, छह दिन बाद मौत, रक्षाबंधन पर्व पर पसरा मातम
अलीगढ़ के गंगीरी क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना घटी। बढ़ारी खूर्द गांव में 13 वर्षीय बालक ध्रुव की खेल-खेल में लगी चोट के कारण मृत्यु हो गई। छह दिन पहले बच्चों के साथ खेलते समय उसके सीने में मुक्का लगा था। निजी चिकित्सक से उपचार के बावजूद रविवार को हालत बिगड़ने पर उसे जेएन मेडिकल कॉलेज ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया गया।

जागरण संवाददाता, अलीगढ़। गंगीरी थाना क्षेत्र के गांव बढ़ारी खूर्द में छह दिन पूर्व बच्चों के साथ खेल रहे 13 वर्षीय बालक के सीने में खेल-खेल में चोट लग गई थी। स्वजन उसका निजि चिकित्सक से उपचार कराते रहे।
रविवार की सुबह उसके सीने में फिर तेज दर्द उठा। इस पर उसे उपचार के लिए जेएन मेडिकल कालेज ले गए। यहां उसे मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम में मृत्यु की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है।
गांव बढ़ारी खूर्द निवासी दिवाकर के दो बेटे ध्रुव, मयंक व एक बेटी विधि है। बड़ा बेटा ध्रुव गांव के एक विद्यालय में कक्षा पांच का छात्र था। स्वजन के अनुसार छह दिन पूर्व वह गांव के ही बच्चों के साथ खेल रहा था।
उसी दौरान एक बच्चे ने उसके सीने में मुक्का मार दिया था। इससे उसके सीने में दर्द उठ गया। उस दौरान स्वजन ने उसका उपचार निजि चिकित्सक से कराया। शनिवार को रक्षांबधन पर्व पर बहन विधि से राखी बंधवाई और घर में उगाये गए घुंगिया को विसर्जित करने गांव की पोखर पर भी गया था।
उसी दिन अपने मित्रों के साथ गांव में ही खेलने गया और घूमा भी। घर आने पर देर रात उसके सीने में अचानक तेज दर्द उठ गया। वह उल्टियां करने लगा। ज्यादा हालत खराब होने पर रविवार की सुबह उसके पिता गाड़ी से छर्रा के एक निजी अस्पताल ले गये।
यहां से स्वजन उसे जेएन मेडिकल कालेज ले आए। यहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यहां से स्वजन शव को गांव ले आये। इस घटना से कोहराम मच गया। सूचना पर पुलिस पहुंच गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।
रिपोर्ट में मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं है। इसलिए जांच के लिए बिसरा सुरक्षित किया गया। थानाध्यक्ष सुमित गोस्वामी ने बताया कि अभी कोई तहरीर नहीं मिली है। जिन बच्चों के साथ वह खेल रहा था, उनसे पूछताछ की गई।
पता होता तो न जाती मायके… और रोने लगी मां
पता होता तो मायके नहीं जाती। बेटे को अपनी नजरों के सामने रखती। मेरा ध्रुव वापस आ जा...। दहाड़े मार कर रो रही ध्रुव की मां पूजा बार बार बेसुध हो जातीं। उनके परिवार व गांव के लोग उन्हें बार बार संभालते।
पानी पिलाते, मगर महिला बेटे की मृत्यु के गम में बिलखती रहीं। त्योहार के चलते वह आठ दिन पूर्व एटा जिले के गांव बरगवां अपने मायके गई थीं। मृत्यु की सूचना जब उनको हुई तो वह घर आयीं और बिलखते हुए खुद को कोसने लगीं।
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