Move to Jagran APP

अलीगढ़ में बालिका वधु बनने से बच गईं 29 बेटियां, जानिए विस्‍तार से

पुलिस की मदद से इन नाबालिग बेटियों की शादी होने से पहले बचा लिया। सबसे अधिक बाल विवाह देहात क्षेत्र में रोके गए हैं। अधिकतर मामलों में स्वजन की इच्छा से यह शादियां हो रही थीं। अशिक्षा व डर के चलते लोग यह शादियां करने को मजबूर थे।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Sun, 15 Aug 2021 11:49 AM (IST)Updated: Sun, 15 Aug 2021 11:49 AM (IST)
अलीगढ़ में बालिका वधु बनने से बच गईं 29 बेटियां, जानिए विस्‍तार से
पुलिस की मदद से इन नाबालिग बेटियों की शादी होने से पहले बचा लिया।

अलीगढ़, जेएनएन। बाल विवाह को लेकर लोगों की सोच में बदलाव नहीं हो रहा है। पिछले तीन साल के दौरान अलीगढ़ जिले में 29 नाबालिग बेटियां बालिका बधु बनने से बच गई हैं। चाइल्ड लाइन व जिला बाल संरक्षण विभाग की टीमों ने पुलिस की मदद से इन नाबालिग बेटियों की शादी होने से पहले बचा लिया। सबसे अधिक बाल विवाह देहात क्षेत्र में रोके गए हैं। अधिकतर मामलों में स्वजन की इच्छा से यह शादियां हो रही थीं। अशिक्षा व डर के चलते लोग यह शादियां करने को मजबूर थे।

loksabha election banner

जागरूकता जरूरी

देश में सदियों से चली आ रही बाल विवाह जैसी परंपरा को खत्म करने के लिए सरकार लगातार कठोर से कठोर कानून बना रही है। समय-समय पर जागरुकता अभियान भी चलाया जाता है। वहीं, समाज में लड़कियों को लड़कों के बराबर का दर्जा दिलवाने तथा लड़कियों के प्रति लोगों की सोच बदलने के लिए सामाजिक संस्थाएं भी अभियान चलाती हैं, लेकिन अभी तक सरकारी विभाग व सामाजिक संस्थाओं के प्रयास भी बाल विवाह रोकने में नाकाफी साबित हुए हैं।

29 बाल विवाह रोके गए

जिले में बाल विवाह रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। कोराेना काल में यह संख्या और बढ़ गई है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में जहां में महज छह बाल विवाह के मामले पकड़ में आए थे। वहीं, वित्तीय वर्ष 2020-21 में यह संख्या 18 तक पहुंच गई। इस साल भी जिले में बाल विवाह के पांच मामले पकड़ में आ चुके हैं। जागरुकता के अभाव में अधिकतर बाल विवाह होते हैं।

वित्तीय वर्ष, पकड़े गए मामले

2019-20, छह

2020-21,18

2021-22, पांच

दो साल की सजा का प्राविधान

बाल विवाह एक कानूनन अपराध है। इसके खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम -2006 का गठन कर रखा है। इसके तहत बाल विवाह होेने पर दो वर्ष की सजा व एक लाख का जुर्माना या दोनों का प्राविधान है।

बाल विवाह को लेकर जिले में जिल बाल संरक्षण विभाग की टीमें लगातार सक्रिय रहती हैं। पिछले तीन साल में 29 से ज्यादा बाल विवाह रोके गए। बाल विवाह को लेकर लगातार जागरुकता कार्यक्रम भी संचालित होते है।स्मिता सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.