सत्यापन के फेर में फंसे पीएम आवास योजना के 22,839 आवेदन, दो महीनों में सिर्फ 3,544 लोगों का ही हुआ वेरिफिकेशन
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 में 22839 आवेदन सत्यापन के चक्कर में फंसे हुए हैं। दो महीने में सिर्फ 3544 लोगों का ही वेरिफिकेशन हो पाया है। शासन ने सत्यापन की सुस्ती पर नाराजगी जताई है। डीएम ने सभी निकायों के अधिकारियों से जवाब-तलब किया है। नगरीय निकायों में आवास निर्माण के लिए शासन स्तर से 2.5 लाख रुपये दिए जाते हैं।

जागरण संवाददाता, अलीगढ़। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 में 22,839 आवेदन सत्यापन के फेर में फंस गए हैं। जिले के सभी 18 नगरीय निकायों में 26,383 आवेदन हो चुके हैं, लेकिन इसके सापेक्ष महज 3,544 का ही सत्यापन हो पाया है। ऐसे में अब शासन स्तर से सत्यापन की सुस्ती पर नाराजगी जताई गई है।
अधिकारियों से जवाब-तलब
डीएम संजीव रंजन ने भी सभी निकायों के अधिकारियों से जवाब-तलब किया है। सभी को शत-प्रतिशत आवेदनों के सत्यापन के निर्देश दिए हैं। आवास निर्माण की डीपीआर पर लापरवाही में अभियंता पर पहले ही कार्रवाई हो चुकी है। केंद्र सरकार ने 2014 में हर बेघर परिवार को छत मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की थी। शहरी क्षेत्र में योजना के संचालन की जिम्मेदारी डूडा (जिला नगरीय विकास अभिकरण) को दी गई।
शासन स्तर से मिलते हैं 2.5 लाख रुपये
नगरीय निकायों में आवास निर्माण के लिए शासन स्तर से 2.5 लाख रुपये दिए जाते हैं। 2021 तक जिले में इसके तहत कुल 24 हजार लोगों को लाभ दिया गया था। शुरुआत में 2024 तक हर बेघर को आवास देने का लक्ष्य था, लेकिन पूर्ति नहीं हो सकी। ऐसे में अब पिछले दिनों इसके दूसरे चरण की शुरुआत की गई है।
सत्यापन की रफ्तार काफी सुस्त
फरवरी से इसके लिए आनलाइन आवेदन की शुरुआत हुई थी। अब दो महीने बीत चुके हैं। इसमें 26 हजार से अधिक आवेदन हुए हैं, लेकिन इनके सत्यापन की रफ्तार काफी सुस्त है। बेसवां पंचायत में 429 आवेदनों के सापेक्ष महज चार आवेदनों का ही सत्यापन हुआ है। पिलखना में 146 के सापेक्ष छह आवेदनों का सत्यापन हुआ है।
नगर निगम क्षेत्र में 7,181 आवेदनों के सापेक्ष महज 1,360 का ही सत्यापन हुआ है। अतरौली नगर पालिका में कुल 1,719 के सापेक्ष 272 का सत्यापन हुआ है। खैर में 1,290 के सापेक्ष 106 आवेदनों का सत्यापन हुआ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।