गर्दन-कंधे में दर्द सर्वाइकल की शुरुआत
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : ठंड बढ़ते ही हड्डी व जोड़ रोगी दर्द से कराहने लगे हैं। साइटिका, पैरालाइसिस, ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : ठंड बढ़ते ही हड्डी व जोड़ रोगी दर्द से कराहने लगे हैं। साइटिका, पैरालाइसिस, घुटनों, कमर, एड़ी, कंधा, गर्दन, कोहनी में दर्द से तमाम लोग परेशान हैं। 'हैलो जागरण' में मोती मिल कंपाउंड स्थित साईं सेरेब्रल पाल्सी केयर एंड पेन मैनेजमेंट सेंटर के वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. हिमांशु अग्रवाल से तमाम मरीजों ने परामर्श लिया। डॉ. अग्रवाल ने उन्हें बचाव व इलाज भी बताया।
सीड़ी चढ़ते समय घुटनों में दर्द होता है। बहुत परेशान हूं।
- बीना गुप्ता, सासनीगेट।
चिंता मत करिए। कैल्शियम व विटामिन-डी थ्री का सेवन करें। घुटनों के नीचे कपड़े का रोल बनाकर दबाएं, लाभ मिलेगा।
आठ माह से कंधे व गर्दन पीछे करने पर दर्द होता है। व्यायाम से दर्द और बढ़ जाता है।
- शीतल, हाथरस।
आपको सर्वाइकल की समस्या लग रही है। स्टडी टेबल को ऊंचा कर लें।
सर्दी बढ़ते ही दोनों घुटनों में दर्द शुरू हो गया है। पहले एक ही घुटने में था।
- गोपाल अग्रवाल, सेंटर प्वॉइंट।
सर्दी में हड्डियां अकड़ने से घुटने जाम हो जाते हैं। कुर्सी पर बैठकर पैर सीधे करके रखें और फिर नीचे करें। 10 मिनट के इस व्यायाम से लाभ मिलेगा।
65 वर्षीय पत्नी का सीधे कंधे में दर्द बढ़ गया है। हाथ ऊपर नहीं उठा पाती हैं।
- आरके गुप्ता, रमेश विहार।
यह फिरोजन शोल्डर की शुरुआत है। एक बार सीधे और फिर साइड से खड़े होकर दीवार पर ऊपर की ओर उंगलियां चलाएं।
एड़ी से ऊपर की तरफ दर्द की शिकायत है। कोई उपचार बताएं।
- अवधेश कुमार, जिरौली धूम
इस समस्या को रिट्रो कैल्केनियल बरसाइटिस कहते हैं। हड्डी बढ़ने से समस्या होती है। डॉक्टर सोल नाम से आने वाली चप्पल पहनें। एड़ी चलाने वाली एक्सरसाइज करें।
शाम को रोज ठंड से हाथ-पैर सुन्न हो जाते हैं। सोते समय अकड़न होती है।
- रजनी, मुरसान।
चिंता मत करिए। शाम को वार्मअप यानी हल्की एक्सरसाइज शुरू कर दें।
इन्होंने भी लिया परामर्श : सासनीगेट से रश्मि, रुदायन से श्रुति शर्मा, खंदौली से धर्मेश, सुरेंद्र नगर से अरुणा शर्मा, शाहजमाल से रईस अहमद, कुमुद नगर से वेदपाल, मथुरा रोड से नीता गुप्ता, मझोला से धीरेंद्र, पीएसी रोड से ममता, गांधी आश्रम रेलवे रोड से शैलेंद्र कुमार मिश्रा, मेलरोज बाईपास से मोनेश राजपूत, खैर से रविशंकर सारस्वत आदि।
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मुंह कम खुलने में भी फिजियोथेरेपी कारगर
गुटखा, पान, मसाला, तंबाकू व सुपारी आदि चबाने से मुंह कम खुलने की समस्या आम हो गई है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि इस समस्या को ओरल सबम्यूकोसल फाइब्रोसिस (ओएसएमएफ) कहते हैं। फिजियोथेरेपी में जॉ स्ट्रेचर इक्वथमेंट थेराबाइट विधि से मुंह खुल जाता है।
मुफ्त परामर्श लें
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि सर्दी में हड्डी व जोड़ रोग आदि से पीड़ित मरीज हेल्पलाइन नंबर 9045136133 पर किसी भी समय मुफ्त परामर्श ले सकते हैं।

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