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    राम नाम जपने से होती है मोक्ष की प्राप्ति

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    Updated: Mon, 10 Oct 2016 12:47 AM (IST)

    अलीगढ़ : सतयुग, त्रेता व द्वापर युग में मोक्ष की प्राप्ति के लिए जप-तप करना पड़ता है, लेकिन कलियुग मे

    अलीगढ़ : सतयुग, त्रेता व द्वापर युग में मोक्ष की प्राप्ति के लिए जप-तप करना पड़ता है, लेकिन कलियुग में सिर्फ राम का नाम जपने मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति सुगम हो जाती है। यह प्रवचन क्षेत्र के गांव टीकापुर में चल रही श्रीराम कथा में व्यास चन्द्रेश उपाध्याय ने व्यक्त किए। उन्होंने आगे राम वनगमन की कथा का मार्मिक वर्णन करते हुए कहा कि सतयुग में जन्मे श्रीराम ने हमेशा अपने जीवन में मर्यादाओं का पालन किया इसी लिए वह मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम कहलाए। वह अपने पिता दशरथ का आदेश पाकर 14 वर्ष की लिए वन में चले गए। उनके वन जाने के शोक में राजा दशरथ ने भी अपने प्राण त्याग दिये। व्यास जी ने केवट उद्धार की कथा का सुंदर वर्णन किया। व्यास जी ने बताया कि हानि, लाभ, जीवन, मरण, यश, अपयश विधाता के हाथ में है। पूरा राम चरित्र भी इसी पर टिका है। इस मौके पर रमेशचन्द्र शर्मा, सतीश शर्मा, विजय शर्मा, आनंद स्वरूप पाठक, रामकिशोर कश्यप, इंद्रजीत उपाध्याय आदि थे।

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    भागवत कथा के समापन पर विधायक ने आरती

    अतरौली : नगर के मोहल्ला बेसपाड़ा स्थित चामड़ मंदिर पर हुई भागवत कथा का रविवार को समापन हो गया। कथा में पहुंचे विधायक वीरेश यादव ने गीता व कथा व्यास की आरती कर आशीर्वाद प्राप्त किया। समापन के दिन कथा व्यास मदन मोहन व्रजबासी ने भक्तों से कहा कि जो मनुष्य अपने क्रोध पर कंट्रोल कर लेता है वह मनुष्य किसी कार्य आदि में असफल नही रहता है। इस मौके पर पालिकाध्यक्ष साजदा बेगम, अध्यक्ष भगवान सहाय शर्मा, जेल विजीटर सुरजीत सिंह चावला, बोबी शर्मा, डा. कबीर खान, लक्ष्मी देवी शर्मा, रेनू परेवा, नीतू देवी, सभासद गीता देवी, रेखा देवी, शालू, राधिका, कुमकुम, अनार देवी, देवकी राजपूत, सारिका वाष्र्णेय, कमलेश परेवा, रजनी देवी, सोनिया, वानी, वर्षा, रीता, भगवान दास, रमेशचंद्र शर्मा, आदेश ठाकुर, विनोद कुमार आदि थे।

    भागवत श्रवण करने से प्राप्त होता है मोक्ष : कृष्ण

    गोरई : कस्बे के गांव गढ़ी बूचा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन आचार्य कृष्ण सारस्वत शास्त्री ने कहा कि जो भक्त सच्चे मन से श्रीमद्भागवत का श्रवण करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। जीवन में आने वाली परेशानियों से दूर रहता है। पूर्ण जीवन सुख में व्यतीत होता है। कथा के दौरान आचार्य ने भजन सुनाये जिन पर भक्तों ने जमकर नृत्य किया। पूरा पंडाल भक्तिमय हो गया। परीक्षत का पाठ कर रहे शिवनारायण पचौरी आकर्षण का केंद्र बने रहे। कथा में पूरे गांववासियों का सहयोग रहा।