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    बसपा नेता धर्मेद्र चौधरी हत्या मेंसभी आरोपी बरी

    By Edited By:
    Updated: Thu, 08 Sep 2016 02:18 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : बसपा नेता व रियल इस्टेट कंपनी ग्लोबल इंफ्राटाउन के संयुक्त प्रबंध निदेशक (

    जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : बसपा नेता व रियल इस्टेट कंपनी ग्लोबल इंफ्राटाउन के संयुक्त प्रबंध निदेशक (जेएमडी) धर्मेद्र चौधरी हत्याकांड में बुधवार को अदालत ने फैसला सुनाया। साक्ष्यों के अभाव में सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर उनकी रिहाई पर मुहर लगा दी। 20 माह पुराने बहुचर्चित हत्याकांड में पुलिस ने 15 मुल्जिम बनाए थे, जिनमें से तीन फिलहाल जेल में हैं। फैसले के दिन सभी अदालत में हाजिर थे।

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    फ्लैश बैक

    बुलंदशहर जिले के थाना सलेमपुर क्षेत्र के गांव बड़ोदा निवासी धर्मेद्र चौधरी यहां बड़े रियल इस्टेट कारोबारी थे। कनक अपार्टमेंट में सपरिवार रह रहे धर्मेद्र 10 जनवरी-15 की रात फॉ‌र्च्यूनर गाड़ी में चालक संजय के साथ सराय हकीम की ओर बढ़ रहे थे। बन्नादेवी क्षेत्र में बारहद्वारी चौराहे के पास शार्प शूटरों ने गोलियों से भून दिया। हत्या की रिपोर्ट पिता चंद्रपाल ने अज्ञात के खिलाफ लिखाई थी।

    9 लोग जेल भेजे, 6 फरार दिखाए

    छानबीन के बाद पुलिस ने वीरेश प्रधान समेत नौ लोगों को गिरफ्तार कर घटना में अभियुक्त बनाकर जेल भेजा, छह लोग फरार दिखाए। एसएसपी रहे जे. रविंदर गौड़ ने 25 जनवरी-15 घटना का पर्दाफाश करते हुए कहा कि किसी भैयाजी ने धर्मेद्र की हत्या कराई। फरार आरोपियों में वीरेश का भाई हरेंद्र सिंह, अविनाश सिंह, दीपक ठाकुर, अनुज, सिद्धांत व उदित गौतम थे। पुलिस ने कुर्की नोटिस चस्पा किए तो अनुज निवासी मंडला, (लोधा) व सिद्धांत निवासी नगला रामबल, सासनी (हाथरस) ने सीजेएम कोर्ट में समर्पण किया। बाद में अन्य आरोपी भी जेल चले गए। विवेचना के बाद बन्नादेवी पुलिस ने सभी के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 302/120बी व 25 आ‌र्म्स एक्ट में चार्जशीट दाखिल की। सभी पर गैंगस्टर भी लगी।

    सालभर चली सुनवाई

    सभी चार्जशीट दाखिल होने के बाद सितंबर-15 में मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश-6 सुरेश चंद्र की अदालत में ट्रायल पर आया। करीब सालभर चली सुनवाई के बाद बुधवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता नीरज चौहान ने पैरवी की।

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    ये बनाए थे आरोपी

    वीरेश सिंह, हरेंद्र सिंह धनीपुर, पंकज, रॉबी शहबाजपुर भांकरी, दीपक शर्मा, उदित गौतम विष्णुपुरी, मौनी शर्मा लोधा, अविनाश ठाकुर अखईपुर हाथरस, मोनू पचौरी पोइना, चालक संजय नगला तिकोना, सिद्धांत नगला रामबल (हाथरस), बल्देव लोधा, दीपक ठाकुर अमरपुर कोंडला, मोनू व अनुज मंडला थे।

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    गैंगस्टर में चार्जशीट भी दाखिल नहीं

    इस केस में फिलहाल भोलू, हरेंद्र व वीरेश जेल में हैं। अविनाश दूसरे केस में जेल में है। बाकी जमानत पर हैं। तीनों का रिहाई परवाना जेल भेजा गया है। आरोपियों को इस हत्याकांड में रिहाई मिल गई है। मगर, वे जेल से बाहर तभी आएंगे, जब गैंगस्टर में जमानत मिलेगी। पुलिस ने अभी गैंगस्टर में चार्जशीट भी दाखिल नहीं की है।

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    ये सब प्लानिंग से हुआ है। मैं हैरान हूं पुलिस के दावे पर। जो लोग पकड़े गए थे, उन्हें हत्यारोपी बताया गया था। हत्याकांड में पुलिस ने भैयाजी को मास्टरमाइंड बताया था, उसका नाम आज तक सामने नहीं आया। मैं इंसाफ के लिए हाईकोर्ट जाऊंगी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सामने भी मामला रखूंगी, ताकि पति के हत्यारों को सजा मिल सके।

    - संगीता चौधरी, पत्नी धर्मेद्र चौधरी।