शूटरों से कराई थी शरद व जीतू की हत्या
अलीगढ़ : रंजिश का बदला लेने के लिए मास्टर माइंड सजल चौधरी ने पलवल से शॉर्प शूटर बुलाकर पहले शरद गोस्
अलीगढ़ : रंजिश का बदला लेने के लिए मास्टर माइंड सजल चौधरी ने पलवल से शॉर्प शूटर बुलाकर पहले शरद गोस्वामी, फिर जीतू चौधरी की हत्या कराई। यह पर्दाफाश एसटीएफ, क्राइम ब्रांच व सर्विलांस की मदद से दबोचे गए चार शूटरों ने किया। पुलिस ने इनसे पिस्टल, रिवाल्वर, राइफल व बड़ी संख्या में कारतूस बरामद किए हैं।
गुरुवार को पुलिस लाइंस में चार घटनाओं का पर्दाफाश करते हुए एसएसपी जे. रविंदर गौड़ ने बताया कि क्वार्सी क्षेत्र में बाइकर्स शरद गोस्वामी की हत्या की गई थी। इस में सजल चौधरी समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। हरदुआगंज में जीतू चौधरी की हत्या की गई। छानबीन में पता चला कि दोनों घटनाओं को एक ही गैंग ने अंजाम दिया है। एसओ क्वार्सी ने शॉर्प शूटर सुरेंद्र पुत्र रोहन निवासी बल्लभगढ़ को चार दिन पहले गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। एसओ क्वार्सी व एसओ हरदुआगंज रमाकांत पचौरी को पता चला कि देवसैनी पुलिया के पास संदिग्ध लोग किसी घटना की फिराक में है। घेराबंदी कर पुलिस ने अंशुल सागर पुत्र किशन वीर सिंह निवासी धनीपुर गांधीपार्क, मनीष ठाकुर पुत्र सतेंद्र पाल सिंह निवासी स्वर्ण जयंती नगर क्वार्सी, बेबी उर्फ देवेंद्र सिंह पुत्र देवनारायण सिंह निवासी कल्याण इन्क्लेव फेस प्रथम पलवल फरीदाबाद, मूल निवासी रामघाट रोड क्वार्सी व हरवीर सिंह पुत्र हरी सिंह निवासी आरएएफ रोड क्वार्सी को गिरफ्तार कर लिया। इनसे राइफल, तमंचा, 12 कारतूस, पिस्टल 9 एमएम, पिस्टल व रिवाल्वर बरामद हुई।
खुलासा करने वाली टीम
एसओ देहलीगेट अनुज कुमार, एसओजी प्रभारी रवि त्यागी व एसओ जवां छोटेलाल हैं। टीम तो एसएसपी ने पांच हजार का इनाम देने की घोषणा की।
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गैंग ने की घटनाएं
- शरद की गोली मारकर हत्या।
-जीतू की गोली मारकर हत्या।
- मनोज प्रधान पर जानलेवा हमला।
- रॉबी सिंह पर जानलेवा हमला।
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'ये इंतकाम की रात
है' फिर बरसीं गोलियां
प लिस की गिरफ्त में आए मुख्य शूटर बेबी की मानें तो शरद व जीतू की हत्या पैसे के लिए नहीं, सजल की दोस्ती की खातिर की थी। जिस रात सुमित सपेरा के भाई की शादी में शरद व उसके साथी जश्न मना रहे थे, उसी रात सजल ने एक फ्लैट में सभी को उकसाते हुए कहा, 'ये इंतकाम की रात है।' वो रंजिश का जख्म अभी भरा नहीं है, जो 2012 में मिला था। यह सुनकर कुछ साथियों के साथ तीन मार्च की रात समारोह में पहुंचे शरद गोस्वामी पर गोलियां बरसाई गई थीं। निशाने पर कुछ और लोग भी थे। अगर गैंग न पकड़ा जाता तो शहर में चार-पांच हत्याएं और होतीं।
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पढ़े-लिखे अपराधी
गिरफ्तार आरोपियों में मनीष कुमार डीएस से बीसीए कर रहा है। अंशुल निजी संस्थान से मास कम्युनिकेशन कर रहा है। बेबी बीटेक कर रहा है। अंशुल के पिता कृष्णवीर सिंह पीएसी में सिपाही हैं।
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कई और भी थे निशाने पर
बेबी से एसपी सिटी ने पूछा कि अभी और कितने लोग निशाने पर थे तो उसने कहा कि रोबिन, सपेरा, लवली चौहान, छोटू राइडर निशाने पर थे।
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फरारी हाउस में काटी रात
बेबी के अनुसार कत्ल के बाद उन्होंने दो रात एक अपार्टमेंट में काटीं, उसे आपस में हम फरारी हाउस बोलते थे। वहां कालू, सजल समेत कई लोग होते थे। कत्ल के दौरान 9 एमएम पिस्टल का भी इस्तेमाल हुआ था, जो सजल चौधरी से मुहैया कराई थी। रेकी नागालैंड नंबर की स्कॉर्पियो से की गई थी। आरोपी नीरज सपा नेता राघवेंद्र सिंह कालू का सगा भाई है। सजल व नीरज के कहने से ही दोनों हत्याएं की गई थीं। जिस अपार्टमेंट में दो रातें काटीं, उसके एक फ्लैट में एक माननीय भी परिवार के साथ रहते हैं। बदमाशों के बारे में पूछने पर माननीय ने कहा है कि अपार्टमेंट के एक फ्लैट में वह रहते हैं। बाकी फ्लैट में क्या हो रहा है? कैसे बताया जा सकता है।
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ए से लिखी पटकथा
बेबी, रोहन व गोल्डी बेंगलुरु की टेलीकॉम कंपनी में नौकरी करते थे। गोल्डी ने रोहन और बेबी को सजल से मिलवाया था। सजल को पता चला कि बेबी और रोहन अच्छे शूटर हैं तो शरद व जीतू हत्याकांड की पटकथा लिख ली।
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जिस अपार्टमेंट में फरारी काटने की बात शूटर ने अपने बयान में कही है, उस बयान का सत्यापन कराया जाएगा। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी भी होनी। गैंग पर गैंगस्टर लगाया जाएगा। विवेचना में जिन लोगों के नाम प्रकाश में आएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- जे. रविंदर गौड़, एसएसपी।
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