दवा कहें या दुआ, है तो कोई चमत्कार!
- डॉ. तेजवीर सिंह उर्फ घोड़ी वाले बाबा के बड़ी संख्या में पहुंचे मरीज अलीगढ़ : रोगी को बीमारी से मुक
- डॉ. तेजवीर सिंह उर्फ घोड़ी वाले बाबा के बड़ी संख्या में पहुंचे मरीज
अलीगढ़ : रोगी को बीमारी से मुक्ति दिलाने निकले डॉ. तेजवीर सिंह राजपूत उर्फ घोड़ी वाले बाबा शुक्रवार को शहर आ पहुंचे। अचलताल स्थित आर्य समाज मंदिर में उनके आने की भनक लगते ही सैकड़ों की तादाद में मरीज जुटने लगे। आर्य समाज मंदिर प्रांगण मरीजों से भर गया। उन्होंने सभी को शांतिपूर्वक देखा और बीमारी का इलाज बताया। यह क्रम सुबह आठ से शाम चार बजे तक चलता रहा। रोगियों की तादाद में कमी नहीं आई। इस घटना को चिकित्सा विज्ञान की दृष्टि से देखें, तो भ्रम लगता है, लेकिन वहां उपस्थित लोग इसे झुठलाने में असमर्थ दिखाई दिए। तेजवीर सिंह राजपूत ने बनारस ¨हदू विश्वविद्यालय से आयुर्वेद में पीएचडी की है।
उपचार का तरीका
उनका मरीजों को देखने का तरीका भी निराला था। डॉक्टर, हकीम रोगियों को लिटाकर या हाथ ही कलाई पकड़कर चेकअप करते हैं, लेकिन यहां का नजारा ही कुछ अलग था। वे रोगियों के मस्तिष्क को पकड़कर उनकी बीमारी के बारे में बता रहे थे।
देखते ही बता दिया कैंसर
डिबाई क्षेत्र से आई एक महिला मरीज को उन्होंने मस्तिष्क पकड़कर कैंसर बता दिया। दोनों किडनी 80 व 60 प्रतिशत फेल होने की बात भी कही। उनके दावे की पुष्टि के लिए महिला के परिजनों से बात की गई तो यह सच साबित हुआ।
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एक नजर योग्यता की ओर
डॉ. तेजवीर सिंह राजपूत ने बीटेक, आइआइटी रुड़की से एमटेक, साहित्यरत्न आचार्य, आयुर्वेदिक रत्न आदि की पढ़ाई की है। वो सेना व सीबीआइ में भी अफसर पद पर रहे हैं।
दर्द से मिली राहत
हाईस्कूल की छात्रा रूबी वाष्र्णेय का कहना था कि उनके काफी समय से पेट और रीढ़ की हड्डी में दर्द था। काफी दवा खाने के बाद फायदा नहीं मिला, लेकिन यहां से दवा लेने के बाद आयुर्वेद पर विश्वास तो जागा ही है, दर्द में भी राहत मिली है।
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महीने में एक दिन रहेंगे शहर में
डॉ. तेजवीर सिंह से लोगों ने महीने में एक बार समय देने का आग्रह किया। उन्होंने लोगों के आग्रह को स्वीकारते हुए माह में एक दिन शहर में बिताने का आश्वासन दिया, जिसका समय व स्थान बाद में तय किया जाएगा।
-------- अनुज --------
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