गाय-भैंस को तीन माह के अंतर पर दें कीड़ों की दवा
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : इंसानों की तरह पशुओं मे जेनेटिक रोग बढ़ रहे हैं। बदलते खानपान के कारण बीमारियां बढ़ रही हैं। पशुओं की बीमारियों के इलाज के परामर्श के लिए रविवार को 'प्रश्न पहर' में पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. रविशंकर राजपूत को आमंत्रित किया गया था। पाठकों ने फोन पर उनसे पशु रोगों के बारे में परामर्श किया।
मेरी गाय एक साल से गाभिन नहीं हुई। क्या परेशानी है? गांव में कभी कैंप नहीं लगता।
- महेश चौधरी, बिजौली
गर्भ में इनफेक्शन की समस्या लग रही है। करीबी सरकारी पशु अस्पताल ले जाएं। इनफेक्शन दूर करने के लिए तीन दिन गाय के गर्भ में गोली रखनी होगी।
गाय का दूध एकदम कम हो गया। कभी चारा ज्यादा खाती है, कभी नखरे करती है।
- संजय, सहारनपुर
गाय के पेट में कीड़े हो गए हैं। कीड़े मारने की दवा दें। हर तीन महीने के अंतराल पर दवा देना न भूलें। इससे उसका पेट ठीक रहेगा और पूरा दूध देगी।
भैंस का थन सूज गया है। क्या समस्या है?
- जगदीश, पीपली
लक्षणों से मालूम होता है भैंस को थनैला रोग हो गया है। अस्पताल ले जाकर इसका तुरंत इलाज कराएं।
भैंस साढ़े आठ माह की गाभिन है। फूल निकालती है।
- मोनू, मढ़ौली
कैल्शियम की कमी से फूल निकलता है। भैंस को रोज 50 ग्राम मिनरल मिक्सचर खिलाएं। उसे चारा थोड़ा-थोड़ा खिलाएं। पानी भी पूरा न पिलाएं।
मेरी गाय के पेट में बच्चा मर गया था। डॉक्टर से निकलवाना पड़ा था। अब दूध कम देती है।
- विनोद, पिसावा
गर्भावस्था पूर्ण न होने की दशा में एक ग्लैंड प्रभावित हो जाती है। इस कारण गाय दूध नहीं दे रही होगी। गर्मी में शरीर ठंडा रहता, इसलिए जुकाम रहता है। पशु अस्पताल ले जाएं। कुछ दवा दी जाएंगी।
मेरी भैंस को खुरपका हो गया है। सुस्त रहती है।
- जगदीश कुमार, करहला
खुरपका वायरल बीमारी है। एक जानवर से दूसरे जानवर में फैलती है। उसका दवाओं से इलाज संभव नहीं है। साफ-सफाई से ही ठीक किया जा सकता है। सबसे पहले उस भैंस को बाकी जानवरों से अलग कर दें। चारा-पानी अलग दें। दो चुटकी पोटेशियम परमैग्नेट (लाल दवा) पानी में घोलकर भैंस के खुरों को बार-बार साफ करें। गोले के तेल में कपूर मिलाकर लगाने से खुर नहीं पकेंगे।
मेरी गाय आगे के पैरों से लंगड़ी हो गई। इलाज कराया तो वह खड़ी होने लगी। अब पीछे के दोनों पैरों से लंगड़ी हो गई। यह क्या रोग है?
- ज्वाला प्रसाद, अकराबाद
गाय को लैमनाइटिस को गया है। यह चोट लगने, विटामिन-कैल्शियम की कमी, मांसपेशी में खिचाव से यह बीमारी हो सकती है। डॉक्टर को दिखाएं। जांच करने पर कारण मालूम करने के बाद ही इलाज शुरू किया जा सकता है।
इनके साथ ही मूसेपुर से प्रेमपाल सिंह, इगलास से भगवती प्रसाद शर्मा, जट्टारी से केशव, दयालनगर से उदयवीर, कासिमपुर से वीरपाल, नगला दलुआ से अंशुल बघेल ने पशुओं के रोग पर परामर्श लिया।
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