Yoga: सलाखों के पीछे तनाव दूर करने के लिए सहारा बना योग, आगरा सेंट्रल जेल में बंदियों ने लिया प्रशिक्षण
Yoga Day योग दिवस से पहले ही ताजनगरी में योग सप्ताह शुरू हो गया है। आर्ट आफ लिविंग संस्था के सहयोग से योग सप्ताह में आगरा सेंट्रल जेल के बंदी योग कर रहे हैं। योग से अपने जीवन के तनाव को दूर करने का तरीका बंदी सीख रहे हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। शारीरिक और मानसिक तनाव को शीघ्र और प्रभावी ढंग से कम करने में यौगिक श्वांस की तकनीकों की एक श्रृंखला है।
जिससे तनाव को कम करने के साथ खुद को स्वस्थ रखा जा सकता है। सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदियों द्वारा यौगिक श्वांस की तकनीकाें का प्रशिक्षण ले रहे हैं। जिससे कि वह सजा के दौरान बाहर की दुनिया से अलग होने पर खुद को तनाव से दूर रख सकें। अपनी ऊर्जा को सकारात्मक कार्यों में लगा सकें।
21 जून तक योग सप्ताह दिवस चलेगा
वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार वीके सिंह ने बताया कि श्री श्री रवि शंकर आर्ट आफ लिविंग संस्था के सहयोग से सेंट्रल जेल में बुधवार से 21 जून तक योग सप्ताह दिवस शिविर प्रारंभ किया गया है। जिसमें सजायाफ्ता बंदियों के साथ ही कारागार के अधिकारी और कर्मचारी भी योग शिविर में उत्साह पूर्वक हिस्स ले रहे हैं।
पहले दिन कराए व्यायाम
शिविर के पहले दिन संस्था के योग प्रशिक्षक सुनील अग्रवाल, विकास सारस्वत और रानी ने प्रतिभागियों को विभिन्न शिथिलीकरण व्यायामों का विधिवत अभ्यास कराया गया।
इसके बाद प्रतिभागियों को श्वांस के महत्व के विषय में बताया गया। शारीरिक एवं मानसिक तनाव को दूर करने के लिए यौगिक श्वांसों की तकनीकों की श्रृंखला में विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। बंदियों एवं जेल के स्टाफ को उज्जायी प्राणायाम एवं ध्यान का अभ्यास कराया गया।
बंदियों और जेल स्टाफ ने किया शांति और ऊर्जा का आनंद
विशेषज्ञों द्वारा कराए गए योग अभ्यास से बंदियों और जेल के स्टाफ ने गहन शांति और ऊर्जा का आनंद महसूस किया।
यौगिक श्वांस की तकनीकी की एक श्रृंखला में विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया
संस्था के विशेषज्ञों ने बंदियों को बताया यौगिक श्वांस की तकनीकी की एक श्रृंखला में विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है। जो तनाव, चिंता और अवसाद को दूर कर प्रतिभागियों को स्पष्ट और सकारात्मक मन की स्थिति में वापस लाने में सहायक होता है।
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