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    Yoga Tips: करते हैं रोज योगा तो भूल से भी अनदेखा न करें ये 20 नियम

    By Tanu GuptaEdited By:
    Updated: Tue, 02 Aug 2022 03:57 PM (IST)

    Yoga Tips योग के सभी लाभ सिर्फ तभी प्राप्त हो सकते हैं सभी नियमों का पालन करते हुए योगासन करें। भोजन करने के तुरंत बाद योगासन न करें इसके लिए कम से कम ...और पढ़ें

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    योग नियमों का पालन करते हुए योगासन करें।

    आगरा, जागरण संवाददाता। योग अपनाने से आपको न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य में मदद मिलती है, बल्कि आप मानसिक परेशानियों से उबरने में भी सक्षम हो पाते हैं। योग गुरु अनीता यादव के अनुसार योग के सभी लाभ सिर्फ तभी प्राप्त हो सकते हैं सभी नियमों का पालन करते हुए योगासन करें।

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    योग के नियम

    1- योगाभ्यास करने से पहले अपने शरीर, मन और आसपास साफ-सफाई करना जरूरी है।

    2-योगासनों को खाली पेट किया जाना चाहिए। यदि आपको कमजोरी महसूस हो तो गुनगुने पानी में थोड़ा सा शहद डाल कर पी सकते हैं।

    3-कोई भी योगासन शुरू करने से पहले मूत्राशय और आंते खाली होनी चाहिए। इसलिए पहले ही पेशाब व मल त्याग दें।

    4-योग शुरु करने से पहले प्रार्थना व वंदना करें, ऐसा करने से मस्तिष्क में अच्छे विचार आते हैं और आपको योग करने के लिए मानसिक रूप से तैयार होने में मदद मिलती है।

    5-योगिक क्रियाओं को सामान्य रूप से सांस लेते हुए और पूरी सतर्कता व ध्यान के साथ किया जाना चाहिए। क्रियाओं को धीरे-धीरे और आराम से शुरू करें।

    6-कोई भी आसन शुरू करने से पहले स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज और वॉर्म-अप कर लें, ऐसा करने से योग करते समय मांसपेशियां क्षतिग्रस्त नहीं होती हैं।

    7-किसी आसन को पहली बार करने से पहले उसका अच्छे से अभ्यास कर लें और यह सुनिश्चित कर लें कि आप सही मुद्रा और तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं।

    8-यदि संभव हो तो आपने आहार को सात्विक रखें, जिनमें मीट, अंडे, प्याज, लहसुन और मशरूम से परहेज किया जाता है।

    9-रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं ताकि शरीर में पानी की कमी न हो पाए।

    10-उचित व आरामदायक कपड़े पहनें। इस दौरान आपको ढीले-ढाले सुती कपड़े पहने की सलाह दी जाती है, ताकि योग मुद्राएं करते समय आपको किसी प्रकार की अड़चन महसूस न हो।

    11-योगासन को हमेशा एक साफ-सुथरी और हवादार जगह पर किया जाता है।

    12-योगासन करने के लिए अच्छी ग्रिप वाले मैट का इस्तेमाल करें, ताकि आप शारीरिक मुद्रा करते समय आप फिसलें नहीं।

    13-योगासन के दौरान अपनी सांसों का विशेष ध्यान रखें, प्रशिक्षक के अनुसार ही सांसें लें।

    14-जब तक आपको प्रशिक्षक ऐसा करने के लिए न कहें, तब तक मुंह से सांस न लें।

    15-शरीर को शांत रखने के लिए योग की सभी विश्राम क्रियाओं को पूरा करें।

    16-कोई भी नई मुद्रा बनाते समय गति का विशेष ध्यान रखें और किसी भी प्रकार का झटका लगने से बचें।

    17-शारीरिक क्षमता के अनुसार ही अभ्यास करें। यदि एक बार में मुद्रा सही न बन पाए तो प्रशिक्षक की सलाह के अनुसार आप उसे फिर से कोशिश कर सकते हैं, धीरे-धीरे आप वह मुद्रा बनाने में सफल हो जाएंगे।

    18-हर योगासन करने की एक सीमित सीमा होती हैं, जिन्हें हमेशा ध्यान रखना चाहिए। सीमा के स्तर से अधिक करने से स्थिति खतरनाक हो सकती है।

    19-योगासन का सत्र ध्यान लगाते हुए, शांति और संकल्प के साथ समाप्त किया जाना चाहिए, ताकि आपका मन पूरी तरह से शांत और लीन हो।

    20-योग करने के 30 मिनट बाद तक भोजन करने, पानी पीने और नहाने से परहेज करें।

    ये न करें

    1-भोजन करने के तुरंत बाद योगासन न करें, इसके लिए कम से कम 2 से 3 घंटे तक प्रतीक्षा करनी जरूरी है।

    2-मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को योगासन नहीं करना चाहिए। हालांकि, इस दौरान प्राणायम और अन्य विश्राम गतिविधियां की जा सकती हैं।

    3-यदि आपको कोई शारीरिक समस्या है या फिर आप थकान महसूस कर रहे हैं, तो आपको कोई भी योगासन नहीं करना चाहिए।

    4-योग को शांति के साथ धीरे-धीरे किया जाता है, इसे जल्दबाजी में करने की कोशिश न करें। जल्दबाजी में योग करने से स्वास्थ्य पर इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है।

    5-किसी प्रकार की चोट, मोच, फ्रैक्चर या सर्जरी होने पर जब तक डॉक्टर अनुमति न दें योगासन शुरू न करें।

    6-योग करने से पहले या बाद में कोई भी अधिक मेहनत वाली एक्सरसाइज न करें।

    7-अत्यधिक गर्मी, सर्दी या नमी वाले समय में योग न करें क्योंकि इस मौसम में आप ध्यान नहीं लगा पाएंगे।

    8-अध्यात्मिक और मानसिक शांति के लिए योग करने वाले लोगों को योग ग्रंथों के सभी नियमों का पालन किए बिना योगासन नहीं करना चाहिए।

    योग का इतिहास

    योग का सबसे पहला उल्लेख भारत के सबसे प्राचीन ग्रंथों में से एक ऋगवेद में देखने को मिलता है। प्राचीन संग्रहों के अनुसार योग शब्द संस्कृत शब्द युज से निकला है, जिसका मतलब मिलना या जुड़ना है। योग का जन्म भी लगभग 5000 हजार वर्ष पहले भारत में ही हुआ था और इसकी प्रभावशीलता के कारण यह धीरे-धीरे पूरी दुनिया में फैल गया। आजकल योग के कई नए आसनों और तकनीकों का निर्माण हो चुका है और पश्चिमी देशों में इसे योगा के नाम से जाना जाता है। 

    योग गुरु अनीता यादव