Agra Flood Alert: और बढ़ेगा यमुना का जलस्तर, गोकुल बैराज से छोड़ा गया 1.60 लाख क्यूसेक पानी
Agra Flood Alert गोकुल बैराज से 1.60 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण यमुना नदी का जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा है। सोमवार सुबह तक जलस्तर 500.50 फीट तक पहुंच गया। ताजगंज मोक्षधाम में चिता स्थल डूब गए हैं और विद्युत शवदाह गृह के संचालन पर संकट मंडरा रहा है। जल स्तर बढ़ने से करंट फैलने का खतरा है विद्युत शवदाह गृह को बंद करना पड़ सकता है।

जागरण संवाददाता, आगरा। गोकुल बैराज से सोमवार सुबह 1.60 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। बैराज से लगातार पानी छोड़ने के चलते यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है सोमवार सुबह 10:00 बजे तक जलस्तर 500.50 फीट पर पहुंच गया। शहर से लेकर देहात तक कई गांव में पानी भर गया है।
लगातार बढ़ रहा है यमुना का जलस्तर
यमुना के जल स्तर में निरंतर हो रही वृद्धि से ताजगंज मोक्षधाम में सभी चिता स्थल डूब गए हैं। यहां यमुना रोड तक पहुंच गई है। इसे देखते हुए पीछे की तरफ स्थित पार्क में अंतिम संस्कार कराने पड़ रहे हैं। विद्युत शवदाह गृह के संचालन पर भी संकट मंडरा रहा है। यहां पैनल से यमुना करीब आठ इंच नीचे बह रही है। जल स्तर में वृद्धि होने पर करंट फैलने व उपकरणों के खराब होने के खतरे को देखते हुए विद्युत शवदाह गृह को बंद करना पड़ सकता है।
सबसे पुराना है मोक्षधाम
यमुना किनारा पर स्थित ताजगंज मोक्षधाम शहर के सबसे पुराने श्मशान घाटों में शामिल है। यहां लकड़ी के साथ ही बिजली से अंतिम संस्कार की व्यवस्था है। ताजगंज मोक्षधाम में रविवार को तीनों प्लेटफार्म पर बने चिता स्थल रविवार को जल मग्न हो गए। इससे यहां अंतिम संस्कार में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां नीम तिराहा की तरफ जाने वाले वाले रास्ते पर स्थित पार्क में अंतिम संस्कार कराने पड़ रहे हैं। विद्युत शवदाह गृह से सटा हुआ चंद्रशेखर पार्क है। विद्युत शवदाह गृह के ठीक पीछे 11 हजार वोल्ट का पैनल लगा हुआ है।
पैनल तक पहुंचा पानी तो करना होगा बंद
क्षेत्र बजाजा कमेटी के अध्यक्ष अनिल जिंदल, उपाध्यक्ष विष्णु कुमार गर्ग, महामंत्री राजीव अग्रवाल, मोक्षधाम के प्रबंधक पं. मनोज शर्मा और संजीव गुप्ता ने रविवार रात मोक्षधाम व विद्युत शवदाह गृह का निरीक्षण किया। विष्णु कुमार गर्ग ने बताया कि यमुना का जल स्तर विद्युत शवदाह गृह के पैनल से आठ इंच नीचे है। जल स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। अगर पानी पैनल तक पहुंचता है तो करंट फैल सकता है। भट्टियां व अन्य उपकरण खराब हो सकते हैं। इस स्थिति में हमें टोरेंट से संपर्क कर बिजली का कनेक्शन कटवाना पड़ सकता है।
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