यमुना एक्सप्रेसवे के वो 5 डेंजर जोन, जहां होते हैं अक्सर हादसे; जा चुकी है अब तक कई लोगों की जान
आगरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए हादसों की जांच में सामने आया कि पिछले तीन वर्षों में नवंबर से फरवरी के बीच 139 हादसे हुए। इनमें से 35% हादसे पांच खा ...और पढ़ें

यमुना एक्सप्रेसवे।
जागरण संवाददाता, आगरा। घने कोहरे के चलते मथुरा के बल्देव में 16 दिसंबर की सुबह यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए भीषण हादसे के बाद कई टीमों ने विस्तृत जांच की है। हादसे में नौ वाहनों में आग लगने से 18 लोगों की मृत्यु हो गई थी। जांच टीम द्वारा नवंबर से फरवरी के दौरान होने वाले हादसों का डाटा खंगाला गया।
जिसमें पाया गया कि चार महीनों में तीन वर्ष के दौरान 139 हादसे हुए। जिसमें पांच स्थानों पर लगभग 35 प्रतिशत हादसे हुए। यह सभी हादसे कोहरे में दृश्यता शून्य होने के चलते हुए।
मथुरा डीएम द्वारा गठित सात सदस्यीय टीम द्वारा विस्तृत जांच के बाद 81 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की गई है। जांच टीम को यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण द्वारा तीन वर्ष 2023, 2024 एवं 2025 (नवंबर व दिसंबर) के दौरान हुए हादसों का डाटा उपलब्ध कराया गया था। इन चार महीनों में वर्ष 2023 में 31, वर्ष 2024 में 49 और वर्ष 2025 में 59 हादसे हुए।
जिसमें 17, 10 और 22 दुर्घटनाएं पांच लोकेशन किमी 81 से 82, किमी एक से दो हिंडन नदी के पास, किमी 101 से 102, किमी 126 से 128 और किमी 141 से 142 पर हुईं। उक्त चारों स्थल यमुना नदी के पास हैं। तीन वर्ष में कुल 139 हादसे हुए। जिसमें से 49 हादसे पांच स्थानों पर हुए।
यह चार महीने के दौरान कुल हादसों का लगभग 35 प्रतिशत है। इन स्थानों पर हादसों का मुख्य कारण कोहरे में दृश्यता शून्य होने के चलते हुए। समिति ने अपनी रिपोर्ट में इन स्थानों पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए संकेतक, प्रकाश व्यवस्था समेत अन्य उपाय करने के सुझाव दिए हैं।

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