Yamuna Expressway Accident: 13 मृत लोगों के सैंपल से DNA मिला, 10 की स्वजन से हुई मैचिंग, टीम को 160 घंटों में मिली सफलता
यमुना एक्सप्रेसवे हादसे में मरने वाले 15 शवों में से 13 का डीएनए प्राप्त कर लिया गया। मथुरा पुलिस को भेजे गए स्वजन के रक्त नमूनों से 10 शवों का ...और पढ़ें
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जागरण संवाददाता, आगरा। यमुना एक्सप्रेसवे पर हादसे में मरने वाले 15 नमूनों से 13 का डीएनए हासिल करने में विज्ञानी सोमवार को सफल हो गए। मथुरा पुलिस द्वारा शवों की दावेदारी करने वाले स्वजन के भेजे गए रक्त नमूनों से 10 का मिलान हो गया है।जबकि तीन का लैब भेजे गए रक्त नमूनों से डीएनए का मिलान नहीं हो सका है।
दो अन्य शवों के नमूनों से डीएनए हासिल करने के लिए दोबारा जांच की जा रही है। लैब द्वारा 10 शवों के डीएनए मिलान की रिपोर्ट सोमवार रात नौ बजे मथुरा पुलिस को सौंप दी। मथुरा पुलिस द्वारा मंगलवार को रिपोर्ट के आधार पर शवों की पहचान के अनुसार उनके स्वजन के सिपुर्द करेगी।
मथुरा एक्सप्रेसवे पर 16 दिसंबर की सुबह करीब चार बजे हुए भीषण हादसे में नौ वाहनों में आग लग गई थी। हादसे में 19 लोगों की मृत्यु हो गई थी। इनमें सिर्फ की पहचान हो सकी थी। बसों में आग लगने से जिंदा जले यात्रियों की पहचान संभव नहीं थी। अज्ञात शवों की हड्डी और दांतों को आगरा फोरेंसिक लैब भेजा गया था।साथ ही 25 लोगों के रक्त का नमूना डीएनए मिलान के लिए भेजा गया था।
डीएनए निकालना विज्ञानियों के लिए थी चुनौती
आग में जलने से कुछ शवों की हड्डी और दांत से डीएनए निकालना विज्ञानियों के लिए चुनौती थी।टीम 160 घंटे लगातार प्रयासरत रही। इनमें 13 नमूनों से डीएनए हासिल करने में सफल रही। जबकि डीएनए मिलान 10 का ही हो सका।मथुरा पुलिस ने जिन 25 लोगों के रक्त का नमूना डीएनए मिलान को भेजा, तीन शव उनमें से किसी के नहीं है। मथुरा पुलिस द्वारा शवों पर दावेदारी करने वाले अन्य लोगों के रक्त का नमूना लेकर लैब भेजा जाएगा।
फोरेंसिक लैब के संयुक्त निदेशक अशोक कुमार ने सोमवार रात डीएनए मिलान की रिपोर्ट मथुरा पुलिस को सौंप दी। मथुरा के थाना बल्देव की टीम 18 दिसंबर से आगरा में डेरा डाले थी। लैब द्वारा रिपोर्ट शवों की पोस्टमार्टम संख्या के अनुसार दी गई है। जिसके आधार पर मंगलवार को पुलिस स्वजन को बुलाकर शवों को उनके सिपुर्द करने की प्रक्रिया शुरू करेगी।
दो शवों के नमूनाें से नहीं मिल सका डीएनए
हादसे में मृत दो शवों के नमूनों से विज्ञानियों की टीम डीएनए हासिल नहीं कर सकी है। नमूनों के रूप में भेजे गए दांत और हड्डी आग में जले हुए काेयले की तरह हो गए थे। जो परीक्षण के लिए लेते ही चूर-चूर हो रहे थे।इन नमूनों की दोबारा जांच की जा रही है।
15 करोड़ की हैं डीएनए यूनिट में लगी मशीनें
आगरा फोरेंसिक लैब में डीएनए सेक्शन अप्रैल 2021 में शुरू किया गया था। विज्ञानियों की टीम को नमूनों से डीएनए हासिल करने की जिन मशीनों का प्रयाेग किया गया, उनका मूल्य लगभग 15 करोड़ रुपये हैं। परीक्षण में प्रयाेग होने वाले केमिकल की किट एक से दो लाख रुपये की होती है।
160 घंटे में नमूनाें से डीएनए हासिल करने वाली टीम
संयुक्त निदेशक आगरा फोरेंसिक लैब अशोक कुमार के निर्देशन में नमूनों से 160 घंटे प्रयास के बाद विज्ञानियों की टीम ने डीएनए हासिल किया। इसमें प्रदेश की सबसे अनुभवी डीएन विज्ञानी अनीता पुंढीर (उप निदेशक गाजियाबाद फोरेंसिक लैब), प्रगति सिंह (उप निदेशक लखनऊ फोरेंसिक लैब) के अलावा विज्ञानी अधिकारी पवन कुमार एवं शशि शेखर पांडेय (अागरा) प्रमुख हैं।

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