Webinar: कोरोना के चलते डिप्रेशन में व्यापारी, अपनाएं ये तरीके तो दूर होगी परेशानी
Webinar कोरोना से व्यापारियों में अवसाद का प्रभाव पर हुआ वेबीनार। मनोचिकित्सक ने रखे सुझाव अवसाद से दूर रहने के तरीके।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में अवसाद का प्रभाव केवल व्यापारी वर्ग पर ही नहीं बल्कि हर वर्ग पर हुआ है। ऐसे में उद्यमियों को छलांग लगाने के प्रयास नहीं करने चाहिए बल्कि उन्हें सीढ़ी दर सीढ़ी ही आगे बढ़ने की आवश्यकता है। यह सुझाव महिला उद्यमिता विकास प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित वेबीनार में मनोचिकित्सक डा. विशाल सिन्हा ने दिए।
प्रकोष्ठ के चेयरपर्सन डा. रीता अग्रवाल द्वारा कोरोना काल व मन:सि्थति विषय पर वेबीनार का आयोजन कराया गया। अध्यक्षता चेंबर अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने की। डा. सिन्हा ने अवसाद के कारणों व उपायों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह एक मानसिक रोग है जो आनुवंशिक भी होता है तथा बच्चों के स्वयं व्यक्तित्व के कारण भी होता है। बच्चों के एकांकी रहने पर यह अधिक बढ़ जाता है। कभी-कभी मां-बाप के भय के कारण भी बढ़ जाता है। काउंसलिंग के द्वारा विकृत सोच को ठीक किया जा सकता है। बच्चों को असफलताओं में डील करने की विधि मां-बाप को आनी चाहिए। डॉ सिन्हा ने कहा कि अवसाद व्यक्ति क्या कर रहा है उसे नहीं पता होता। स्वजन ही पीडि़त की मदद कर सकते हैं। ऐसे व्यक्ति का मनोबल बढ़ाकर उसे स्वयं का मूल्यांकन करने से रोकना चाहिए। वरना दूसरों की होड़ में खुद को पिछड़ा हुआ पाकर कमजोर मनोदशा के लोग गलत कदम उठा लेते हैं। महिला उद्यमिता विकास प्रकोष्ठ की चेयरपर्सन डा. रीता अग्रवाल ने कहा कि बच्चों की मांग को जरूरत के अनुसार ही पूरा करें। बच्चों को गलत व सही का समझाना आवश्यक है।
कोरोना काल में व्यापारियों पर छाए अवसाद के बारे में अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने सवाल रखा।डा. सिन्हा ने कहा की सकारात्मकता बनाए रखें।खुद को व्यस्त रखें।समय का सामंजस्य करने की आवश्यकता है।चेंबर उपाध्यक्ष योगेश जिंदल ने कोरोना से बचाव के उपायों पर चर्चा की।वेबीनार में पूर्व अध्यक्ष अमर मित्तल, राजीव गुप्ता, अशोक कुमार,सुनील सिंघल, मुकेश अग्रवाल,प्रदीप वासन, राहुल राना आदि ने प्रतिभाग किया।