Digital Arrest: क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर युवती को किया डिजिटल अरेस्ट, चार दिन में वसूले 13 लाख रुपये
आगरा की युवती को साइबर अपराधियों ने चार दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। उनके आधार कार्ड से कोरियर में प्रतिबंधित ड्रग एवं फर्जी पासपोर्ट भेजने का आरोप लगाकर धमकी दी। दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर वीडियो कॉल की। सीबीआई का फर्जी नोटिस व्हॉट्सऐप पर भेजकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी बता दिया। साइबर अपराधियों ने युवती से 13.42 लाख रुपये खाते में स्थानांतरित करा लिए।

जागरण संवाददाता, आगरा। नोएडा की एक कंपनी में कार्यरत शाहगंज की रहने वाली युवती को साइबर अपराधियों ने चार दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। उनके आधार कार्ड से कोरियर में प्रतिबंधित ड्रग एवं फर्जी पासपोर्ट भेजने का आरोप लगाकर धमकी दी। दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर वीडियो कॉल की। सीबीआई का फर्जी नोटिस व्हॉट्सऐप पर भेजकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी बता दिया। साइबर अपराधियों ने युवती से 13.42 लाख रुपये खाते में स्थानांतरित करा लिए। पीड़िता ने साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
शाहगंज के वेेस्ट अर्जुन नगर की रहने वाली नेहा नोएडा में पतंजलि में कार्यरत हैं। नेहा ने पुलिस को बताया कि आठ फरवरी की दोपहर को उनके मोबाइल पर एक कॉल आयी। कॉल करने वाले ने कहा कि वह ब्लू डार्ट कोरियर कंपनी से राहुल बोल रहा है। आपके नाम से एक कूरियर बैंकॉक में नेम जियांग को भेजा जा रहा था। पार्सल में 500 ग्राम एमसीएमडी ड्रग, पांच हजार यूएस डालर, पांच पासपोर्ट, तीन डेबिट कार्ड, एक लैपटॉप मिला है। एमसीडी ड्रग प्रतिबंधित है, जिसमें 10 वर्ष तक की सजा हो सकती है।
नेहा ने कहा कि उन्होंने कोई पार्सल नहीं भेजा है। जिस पर आरोपित ने उनके आधार कार्ड के गलत प्रयोग की बात करने लगा। कहा कि उनके आधार कार्ड का प्रयोग उत्तराखंड और गोवा में किया गया है। इसके बाद वीडियो कॉल पर उनकी बात दिल्ली साइबर क्राइम सेल से कराई जा रही है, जिसके बाद वीडियो कॉल पर पुलिस की वर्दी में एक अधिकारी ने बात की। खुद को दिल्ली साइबर क्राइम सेल का पुलिस अधिकारी आनंद राव बताया।
अधिकारी बनकर बात करने वाले ने उनके मोबाइल पर सीबीआई का पत्र भेजा। जिसमें उनका नाम और आधार नंबर था। नेहा से कहा कि उन्हें 90 दिन की कस्टडी रिमांड पर लेंगे। फिर बोला कि आप निर्दोष लग रही हो, इसलिए मौका देना चाहता हूं। दो दिन तक सेल्फ अरेस्ट किया जा रहा है। स्काइप एप से भी जुडे रहने के लिए कहा। साथ ही किसी अन्य से बात नहीं करने के लिए मना कर दिया। उनसे 12.50 लाख रुपये मांगे, कहा कि यह रकम वापस हो जाएगी।
नेहा रकम ट्रांसफर करने के लिए ट्रेन द्वारा नोएडा से घर आयीं। इस दाैरान आराेपितों ने उन्हें डिजिटल अरेस्ट रखा। ऑडियो और चैट के माध्यम से जानकारी लेते रहे। उन्होंने 11 फरवरी को 12.50 लाख रुपये आरोपितों के खाते में स्थानांतरित कर दिए। जिसके बार वह नोएडा लौट गईं, 12 फरवरी को उनसे 91 हजार रुपये फिर मांगे। यह रकम उन्होंने गूगल पे से दी।
आरोपितों ने दोबारा कॉल करके कहा कि आपका मामला खत्म हो गया है। अगले दिन रकम वापस कर दी जाएगी। वह एक सप्ताह से रकम वापस करने की प्रतीक्षा कर रही थीं। रकम नहीं लौटाई तो पिता को इसकी जानकारी दी। उन्होंने साइबर थाने में शिकायत की। इसके बाद पुलिस ने गुरुवार को मुकदमा दर्ज कर लिया। इंस्पेक्टर समय सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्ज किया है। गिरोह को ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा है।
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