अजब-गजब: पति ने 45 साल तक नहीं बताई अपनी पगार और पेंशन, जिद पर अड़ी पत्नी पहुंची पुलिस के पास
घरेलू मामले पुलिस तक पहुंचे हैं तब पुलिस के लिए समझौता कराना एक चुनौतीपूर्ण काम होता है। ऐसा ही मामला आगरा में परिवार परामर्श केंद्र में पहुंचा बुजुर्ग दंपती के मामले में पति की पेंशन जानने पर अड़ी पत्नी विवाद शांत करान को काउंसलर ने निकाली तरकीब
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा में पति ने शादी के 45 साल बाद भी पत्नी को अपनी पगार और पेंशन नहीं बताई। पत्नी जब भी वेतन और पेंशन कितनी मिलती है, इस बारे में पूछती तो वह टाल देता। चार दशक तक ये सिलसिला जारी रहा। एक सप्ताह पहले पत्नी का धैर्य 45 साल बाद जवाब दे गया। वह पति को मिलने वाली पेंशन की रकम जानने के लिए पुलिस के पास पहुंच गई।
बुजुर्ग दंपती के बीच झगड़े का कारण जानने पर पुलिस भी हैरान रह गई। मामला सुलझाने के लिए दोनों को परिवार परामर्श केंद्र भेज दिया। रविवार को परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलर ने बुजुर्ग दंपती से बातचीत की। वह अपने बच्चों के साथ आए थे। उनके दोनों बच्चे भी सरकारी नौकर हैं।
बुजुर्ग पत्नी का कहना था कि उसकी शादी को करीब 45 साल हो गए हैं। पति सरकारी विभाग में नौकरी करते थे। उसे हमेशा ये ख्वाहिश रही कि पति को कितना वेतन मिलता है, यह जान सके। मगर, पति ने इतने साल तक उसे अपना वेतन नहीं बताया। जब भी वह इस बारे में पूछती, पति कोई न कोई बहाना बनाकर टाल जाते।
इस दौरान उनके बच्चे बड़े गए, वह भी सरकारी नौकरी में हैं। पांच साल पहले पति सेवानिवृत्त हो गए। उन्हें पेंशन मिलने लगी, उसने पेंशन की रकम पूछी तो पति इसे भी टाल गए। पति के इस रवैये से क्षुब्ध होकर उसे पुलिस के पास आने को मजबूर होना पड़ा। वहीं, पति का काउंसलर से कहना था कि पत्नी जितना भी खर्चा मांगती है, वह उसे देता है। उसे वेतन और पेंशन क्यों बताई जाए।
कांउसलर ने बुजुर्ग दंपती को समझाने का प्रयास किया। दोनों अपनी-अपनी बात पर अड़े रहे। जिस पर काउंसलर को बीच का रास्ता निकालना पड़ा। उनके बच्चों की काउंसलिंग की गई। जिसके बाद यह तय हुआ कि जब तक दंपती के बीच झगड़ा खत्म नहीं हाे जाता, मां बेटे के पास रहेगी। जबकि पिता बेटी के पास रहेगा। जिस पर दंपती भी राजी हो गए।
सात जोड़ों में हुई सुलह
परिवार परामर्श केंद्र प्रभारी कमर सुल्ताना ने बताया रविवार को सात जोड़ों में सुलह के बाद उनकी विदाई हुई।जबकि चार मामलों में मुकदमे के आदेश किए गए हैं। एक दर्जन फाइलों का निस्तारण किया गया।