शादी के 2 महीने बाद पत्नी निकली प्रेग्नेंट, पति बोला- मेरा नहीं है ये बच्चा; अब कोर्ट ने सुनाया फैसला
आगरा के न्यायालय ने मानसिक क्रूरता के आधार पर पति की तलाक याचिका स्वीकार की। पत्नी को आजीवन गुजारे के लिए 5 लाख रुपये देने का आदेश दिया। पति ने बताया कि शादी के कुछ दिनों बाद पत्नी गर्भवती पाई गई जबकि उनका कोई संबंध नहीं था। पत्नी ने स्वीकार किया कि उसका पहले से प्रेम संबंध था। न्यायालय ने इसे मानसिक क्रूरता मानते हुए तलाक मंजूर किया।

जागरण संवाददाता, आगरा। न्यायालय ने मानसिक क्रूरता सिद्ध होने पर पति की विवाह विच्छेद की याचिका को स्वीकृत करते हुए पत्नी को आजीवन भरण-पोषण के लिए एकमुश्त पांच लाख रुपये अदा करने के आदेश दिए हैं।
आवास विकास कॉलोनी बोदला निवासी पति बैंक में उच्च पद पर कार्यरत हैं। उनकी शादी वर्ष 2017 में फिरोजाबाद की युवती से हुई थी। वादी के अनुसार विवाह के कुछ ही दिनों बाद पत्नी की तबीयत खराब रहने लगी। इलाज के दौरान अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में वह दो माह की गर्भवती पाई गई, जबकि विवाह के बाद पति-पत्नी के बीच कोई संबंध स्थापित नहीं हुआ था।
बाद में पत्नी ने स्वीकार किया कि वह पहले से ही किसी अन्य युवक से प्रेम करती थी और उसी से गर्भवती हुई थी। उसके पिता ने उसकी मर्जी के खिलाफ शादी कराई थी।
पति और उसके परिजनों ने पंचायत के दबाव में उसे अपनाया, लेकिन पत्नी के व्यवहार में कोई सुधार नहीं हुआ। वह पति व उसके परिवार की उपेक्षा करती रही और यहां तक कि बच्चे की देखभाल भी नहीं की। बार-बार विवाद और मारपीट से परेशान पति ने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में विवाह विच्छेद की याचिका प्रस्तुत की। न्यायालय ने पत्नी के आचरण को मानसिक क्रूरता मानते हुए विवाह विच्छेद के आदेश दिए। साथ ही पत्नी को गुजारे भत्ते के रूप में पांच लाख रुपये दिलाने का निर्णय सुनाया।
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