वैष्णो देवी भूस्खलन में पैर कटा तो पत्नी को घर से निकाला, मुआवजा राशि हड़पी... महिला आयोग की अध्यक्ष को बताई पीड़ा
आगरा में महिला आयोग की अध्यक्ष के सामने एक दिव्यांग महिला ने अपनी दर्दनाक कहानी सुनाई। वैष्णो देवी में भूस्खलन के कारण उसका पैर कट गया और परिवार के सदस्यों की मौत हो गई। उसके पति ने मुआवजा राशि हड़पकर उसे घर से निकाल दिया। आयोग ने पुलिस को महिला की मदद करने के निर्देश दिए।

पीड़िता ने रोते हुए राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष को सुनाई आपबीती
जागरण संवाददाता, आगरा। सर्किट हाउस में जनसुनवाई के समय दिव्यांग महिला ने रोते हुए राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डा. बबीता चौहान को आपबीती सुनाई। बताया की वैष्णो देवी में हुए भूस्खलन में उनका पैर कट गया। बेटी सहित परिवार के चार सदस्यों की मृत्यु हो गई। पति ने घटना के कुछ समय बाद ही मुआवजा राशि हड़पने के बाद उन्हें घर से निकाल दिया। मायके वालों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह उनका पालन कर सकें। जनसुनवाई में 66 शिकायतें आईं, जिनमें से 65 शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण किया गया।
पीड़िता ने रोते हुए राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष को सुनाई आपबीती
कुम्हारपाड़ा निवासी मोना की शिकायत सुनकर वहां मौजूद लोग भी भावुक हो गए। मोना ने बताया कि अगस्त में वह परिवार के साथ वैष्णों देवी की यात्रा पर गई थीं। भूस्खलन में मोना का एक पैर कट गया था। हादसे में मोना की 11 महीने की बेटी सेंजल, ससुर अर्जुन सिंह, सास सुनीता व भावना की मृत्यु हो गई थी। मोना ने राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता चौहान से कहा कि मुआवजा की राशि हड़पने के बाद पति दीपक ने उन्हें बेटी सहित घर से निकाल दिया।
जनसुनवाई में आईं 65 शिकायतों का मौके पर ही किया निस्तारण
डॉक्टर बबीता चौहान ने पुलिस को पीड़िता को मुआवजा राशि दिलाने, बेटी का कन्या सुमंगला योजना में पंजीकरण कराने, कृत्रिम पैर लगवाने के साथ ही व्हीलचेयर दिलाने के निर्देश दिए। सोनी निवासी थाना दक्षिण, फिरोजाबाद ने शिकायत की कि पति ने विवाहित होते हुए भी अन्य महिला से फर्जी कागजात तैयार कर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में शादी कर ली है, उन्हें घर से निकाल दिया है। उन्होंने पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए। इसी तरह अन्य शिकायतों को सुनकर समाधान के निर्देश दिए।
उन्होंने त्योहार पर बाजार में महिला सुरक्षा के लिए गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महिला अपराधों से जुड़ी शिकायतों पर पुलिस त्वरित कार्रवाई करे। महिलाओं व युवतियों को केंद्र व प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जाए। जनसुनवाई के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट वेद सिंह चौहान, एसीपी शमसाबाद व प्रभारी महिला सुरक्षा अमीषा, डीपीओ अतुल सोनी, जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज मौर्या, एसीएमओ डा. सुरेंद्र मोहन प्रजापति, एडीपीआरओ संदीप वर्मा, जिला प्रबंधक कौशल विकास अमित धाकरे आदि अधिकारी मौजूद रहे।
ममता बनर्जी आदेश जारी कर दें महिलाएं घर से न निकलें
जनसुनवाई के बाद राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डा. बबीता चौहान ने पत्रकारों से वार्ता की। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर कहा कि ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल में आदेश जारी करना चाहिए कि कोई भी महिलाएं घर से बाहर न निकलें और कोई भी लड़की स्कूल न जाएं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति इतनी खराब है कि महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ कभी भी जघन्य घटनाएं हो सकती हैं। ममता बनर्जी को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। योगी आदित्यनाथ की सरकार की में उत्तर प्रदेश में बहन-बेटी पर गलत नजर डालने की हिम्मत नहीं है।

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