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    RO Water: आरओ से भी बेहतर पानी कौन-सा? IIT प्रोफेसर ने बताया सही जवाब

    Updated: Fri, 21 Mar 2025 04:27 PM (IST)

    आइआइटी जोधपुर के प्रो. आनंद कृष्णनन ने कहा कि आरओ का पानी पीने से बेहतर मटके (जीफैक्टर) में रखा पानी है क्योंकि इसमें जल के सभी पोषक तत्व बने रहते हैं। दयालबाग शिक्षण संस्थान में कार्यशाला के दौरान उन्होंने बताया कि मटका हर दो दिन में साफ करें और अधिकतम छह माह तक ही इस्तेमाल करें। कार्यशाला में 120 छात्र शामिल हुए।

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    आरओ से भी बेहतर पानी कौन-सा ?

    जागरण संवाददाता, आगरा। आरओ का पानी पीने से अच्छा मटके (जीफैक्टर) में रखा हुआ पानी पिएं। इससे सेहत को पानी के सभी पोषक तत्व मिलेंगे। आरओ से कुछ तत्व फिल्टर के माध्यम से बाहर निकल जाते हैं, ऐसे शरीर को जल में मिलने वाले सभी पोषक तत्व नहीं मिल पाते। यह बातें आइआइटी जोधपुर के प्रो. आनंद कृष्णनन ने बताई।

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    दयालबाग शिक्षण संस्थान में शार्ट टर्म कैपेसिटी बिल्डिंग वर्क शाप आन कम्यूनिटी इंगेजमेंट इन रीसर्च एक्सिलैंस विद सोशल रेलीवेंस विषय पर आयोजित कार्यशाला के गुरुवार को दूसरे दिन चौथा और पांचवां वर्ग हुआ। चौथे वर्ग के पहले भाग में बेंगलुरु के क्राइस्ट कालेज के असिस्टेंट प्रो. शेरन वेलरमथी ने डाटा को एनालिसिस करने की जानकारी दी।

    वर्ग की अध्यक्षता डा. सोनल सिंह ने की। दूसरे वर्ग में दयालबाग शिक्षण संस्थान के प्रो. जेके वर्मा ने बताया छात्र लोगों के बीच जाकर उनके बीच में रहकर की समस्याओं का शोध करें, तभी हर व्यक्ति की समस्या के सुधार पर विचार किया जा सकता है।

    इस वर्ग की अध्यक्षता प्रो. रेशम चौपड़ा ने की। पांचवें वर्ग के पहले भाग में आइआइटी जोधपुर के प्रो. आनंद कृष्णनन ने जल आधारित स्वास्थ्य समाधान पर चर्चा की। बताया आरओ पानी से अच्छा है मटके(जीफैक्टर) में रखा हुआ पानी पिएं।

    अधिकतम छह माह तक ही प्रयोग करें मटका

    हर दो दिन में मटके को अच्छी तरह साफ करें, एक मटके को अधिकतम छह माह तक ही प्रयोग करे। इस वर्ग अध्यक्षता प्रो. अंकित सहाय ने की। कार्यशाला में 120 छात्र मौजूद रहे। कार्यक्रम में प्रो. डी. सुमिर, डा. वफा सिंह, प्रो. कविता कुमार ने भी जानकारी दी।

    जिला अस्पताल की इंटीग्रेटेड लैब हुई शुरू

    वहीं, मैनपुरी में महाराजा तेज सिंह जिला अस्पताल में एक साल के इंतजार के बाद इंटीग्रेटेड लैब का गुरुवार से संचालन शुरू हो गया है। लैब शुरू होने से अब यहां थायराइड सहित 26 प्रकार की जांचों की सुविधा मरीजों को मिलेगी।

    पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने एक साल पहले शासन के निर्देश पर महाराजा तेज सिंह जिला अस्पताल में इंटीग्रेटेड लैब का शिलान्यास किया था। लोगों को उम्मीद थी कि यह लैब जल्द शुरू होगी। लैब में सभी प्रकार की सुविधाओं को उपलब्ध कराने के बाद गुरुवार को जिला अस्पताल प्रशासन ने इस लैब का संचालन शुरू करा दिया है।

    लैब शुरू होने से अब यहां मरीजों को थायराइड और विटामिन सहित 26 प्रकार की जांच की निश्शुल्क सुविधा मिल सकेगी। इस दौरान लैब प्रभारी टीसी भारती ने बताया कि अस्पताल में अभी तक 71 प्रकार की जांच की व्यवस्था थी। इंटीग्रेटेड लैब के संचालन से 26 जांचें और बढ़ा दी गई हैं। अब यहां 97 प्रकार की जांचें कराई जा सकेंगी।