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Vinay Kumar Pathak के कारनामे, गेस्ट हाउस में 90 हजार का बेड, 80 हजार की अलमारी खरीदी, पांच करोड़ का था टेंडर

प्रो. विनय कुमार पाठक के कार्यकाल में उठा था पांच करोड़ का टेंडर। दाऊदयाल सेठ पदमचंद और गणित विभाग के लिए भी आया था फर्नीचर। प्रो. पाठक के खिलाफ लखनऊ में भ्रष्टाचार की जांच चल रही है। जिसकी जांच एसटीएफ कर रही है।

By Prabhjot KaurEdited By: Abhishek SaxenaPublished: Wed, 07 Dec 2022 02:16 PM (IST)Updated: Wed, 07 Dec 2022 02:16 PM (IST)
Vinay Kumar Pathak के कारनामे, गेस्ट हाउस में 90 हजार का बेड, 80 हजार की अलमारी खरीदी, पांच करोड़ का था टेंडर
आगरा में प्रो. विनय कुमार पाठक के कार्यकाल में खरीदा गया महंगा फर्नीचर।

आगरा, जागरण संवाददाता। बाग फरजाना स्थित संस्कृति भवन में बने अंतरराष्ट्रीय गेस्ट हाउस के लिए 90 हजार रुपये का बेड, 80 हजार से ज्यादा की अलमारी और 10 हजार रुपये की साइड टेबल आई है।प्रो. विनय कुमार पाठक के कार्यकाल में पांच करोड़ रुपये के फर्नीचर का ठेका उठा था।चाणक्य भवन के लिए एक करोड़ रुपये का फर्नीचर बिना टेंडर के कार्यदायी संस्था से लिया गया था।

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प्रो. विनय कुमार पाठक नौ महीने रहे थे कार्यवाहक कुलपति

प्रो. पाठक अपने नौ महीने के कार्यकाल में हर वो काम करके गए हैं, जो अब चर्चा का विषय बने हुए हैं। फिर वो चाहे संस्कृति भवन का उद्घाटन हो या शिवाजी मंडपम में दीक्षा समारोह के लिए किराए पर फर्नीचर या एसी लगवाना हो। नोडल केंद्रों पर लगे आरएफआइडी लाक का किराया भी वो ताले की कीमत से ज्यादा दे गए। इसी क्रम में दाऊदयाल संस्थान, सेठ पदमचंद जैन संस्थान, रसायन विज्ञान के लिए,गणित विभाग में बने कान्फ्रेंस हाल और संस्कृति भवन के अंतरराष्ट्रीय गेस्ट हाउस के लिए फर्नीचर का ठेका भी दिया था। यह ठेका पांच करोड़ रुपये में उठा था, जिसमें तीन कंपनियों को फर्नीचर उपलब्ध करवाना था।

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दाऊदयाल, पदमचंद, रसायन विज्ञान व गणित विभाग में फर्नीचर आ चुका है। अब अंतरराष्ट्रीय गेस्ट हाउस में फर्नीचर आ रहा है। फर्नीचर में बेड, साइड टेबल और अलमारी शामिल हैं। गेस्ट हाउस के 18 कमरे संस्कृति भवन के दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवे फ्लोर पर बने हुए हैं।चार डोरमेट्री, वीवीआइपी सुइट भी हैं। इनके लिए 25 बेड, 86 साइड टेबल, 25 अलमारी आ चुकी हैं।

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बिना टेंडर मंगवाया था फर्नीचर

चाणक्य भवन के लिए भी एक करोड़ रुपये का फर्नीचर मंगवाया गया था, जो बिना टेंडर के आया है। इसे भवन का निर्माण करने वाली कार्यदायी संस्था से लिया गया है। जिसे 12 प्रतिशत सेन्टेज चार्ज भी दिया गया। इस बारे में कुलसचिव डा. विनोद कुमार सिंह का कहना है कि फर्नीचर महंगा आया है, इसकी जानकारी मिली है। जांच के लिए बोला गया है और रिपोर्ट मांगी गई है। अभी भुगतान नहीं हुआ है। 


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