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    भ्रष्टाचार की जांच शुरू! ADA अधिकारी और लिपिकों की संपत्ति पता करने को रिकॉर्ड खंगाल रही विजिलेंस

    Updated: Sun, 29 Jun 2025 11:09 AM (IST)

    आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) के अधिकारी और दो लिपिकों की संपत्ति की विजिलेंस जांच कर रही है। यह जांच उनके कार्यकाल में हुए भूखंड आवंटन में भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में है। विजिलेंस अधिकारीयों द्वारा संपत्ति विभाग में तैनाती के दौरान के रिकॉर्ड की जांच कर रही है साक्ष्य जुटा रही है। सरकार ने विजिलेंस को जांच के निर्देश दिए थे जिसके बाद यह कार्रवाई शुरू की गई है।

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    आगरा विकास प्राधिकरण की फाइल फोटो का प्रयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, आगरा। आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) के अधिकारी और दोनों लिपिकों की संपत्तियों की संपत्तियों को लेकर विजिलेंस ने छानबीन शुरू कर दी है। अधिकारी और लिपिकों के कार्यकाल विशेषकर संपत्ति विभाग में तैनाती के दौरान का रिकॉर्ड खंगाल रही है। जिससे कि पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में साक्ष्य जुटाया जा सके।

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    जांच के दायरे में दोनों लिपिक सेवानिवृत्त हो चुके हैं। पूर्व संयुक्त सचिव सोम कमल सीताराम का स्थानांतरण हाे चुका है। वर्तमान में वह लखनऊ विकास प्राधिकरण में संयुक्त सचिव हैं।

    एडीए में संपत्ति विभाग में संयुक्त सचिव रहे सोम कमल सीताराम और दो लिपिकों सतीशचद व गिरीशचंद के विरुद्ध शासन में शिकायत की गई थी। अधिकारी पर अपने कार्यकाल के दौरान अपनों व अपने चहेतों के नाम पर व्यवसायिक और आवासीय भूखंड आवंटित करने का आरोप है।

    कार्यकाल के दौरान आवंटित हुए भूखंडों के बारे में जुटा रही जानकारी

    आवंटित की गई संपत्तियों का मूल्य वर्तमान में करोड़ों में हैं। इसके अलावा मथुरा, गाजियाबाद व नोएडा में भी बेनामी संपत्ति बनाने का आरोप है। जबकि दोनों लिपिकों पर भी अपनी तेनाती के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप हैं। दोनों पर अपने लोगों को संपत्ति आवंटन से लेकर अन्य लाभ पहुंचाने का आरोप है। शासन ने विजिलेंस को भ्रष्टाचार की जांच के निर्देश दिए थे।

    दोनों लिपिकों की चल-अचल संपत्तियों से संबंधित प्रपत्रों को रही जुटा

    विजिलेंस तीनों लोगों के विरुद्ध खुली जांच कर रही है। जिसके तहत कार्यकाल के दौरान भूखंड आवंटन से लेकर अन्य अनियमितताओं के बारे में विभाग से जानकारी जुटा रही है। आवंटन समेत अन्य रिकॉर्ड को जुटाने के लिए एडीए से संबंधित प्रपत्रों को हासिल करने का प्रयास कर रही है।

    विवेचक ने एडीए को रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा है। एसपी विजिलेंस आलोक शर्मा के अनुसार मामले मे साक्ष्य जुटाने के बाद विजिलेंस दोनों लिपिकों काे भी अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस भेजेगी। जिससे कि वह अपनी आय के स्रोत बता सकें।

    पुरानी शिकायतों का पता लगा रही

    विजिलेंस एडीए अधिकारी और दोनों लिपिकों के विरुद्ध पूर्व में की गई शिकायतों के बारे में भी पता लगा रही है। तीनों के विरुद्ध किन मामलों में शिकायत की गई थी, विभाग द्वारा शिकायत पर क्या कार्रवाई की गई, इसकी जांव भी कर रही है।पूर्व में की गई शिकायतों से विजिलेंस के लिए भ्रष्टाचार के आरोपों को सिद्ध करने में मदद करेगी। लिपिकों का कार्यकाल काफी लंबा रहा है, जिससे उनके व सगे संबंधियों के नाम से करोड़ों की संपत्तियांं अर्जित करने की आशंका है।

    भ्रष्टाचार के मामले में कई और मुकदमे दर्ज करने की तैयारी

    विजिलेंस ने पूर्व में स्वास्थ्य, शिक्षा, राजस्व समेत एक दर्जन से अधिक विभागों के 300 अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध खुली जांच करके अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी थी। एक दर्जन से अधिक मामलों में मुकदमा दर्ज करने की संस्तुति की गई थी। सूत्रों के अनुसार शासन से कई मामलों में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मिल गई है। शुक्रवार को दो मुकदमे दर्ज किए गए थे। अभी अन्य विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज हो सकता है।