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    ये हैं इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा... अपनी इमानदारी और बहादुरी से सोशल मीडिया के नई सनसनी बने, कारनामों की लंबी लिस्ट

    इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा ने 24 साल की सेवा में ईमानदारी और बहादुरी से कर्तव्य निभाया है। कई कुख्यात अपराधियों को ढेर किया और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। एंटी करप्शन टीम में रहते हुए एक साल में 22 भ्रष्ट अधिकारियों को गिरफ्तार किया जिसके लिए उन्हें राष्ट्रपति वीरता मेडल से सम्मानित किया गया। नकली दवा विक्रेता को रिश्वत लेते पकड़ने के बाद उनकी ईमानदारी की चर्चा हो रही है।

    By Yashpal Singh Edited By: Abhishek Saxena Updated: Tue, 26 Aug 2025 08:47 AM (IST)
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    यूपी पुलिस के इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा, सौजन्य से स्वयं।

    जागरण संवाददाता, आगरा: इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा।24 वर्ष पहले खाकी वर्दी पहनी तो ईमानदारी की कसम खाई थी। बहादुरी से कर्तव्यपालन करते हुए उसे अब तक बखूबी निभा रहे हैं। पुलिस की विशेष टीम और एसटीएफ में रहते हुए कुख्यात बदमाशों को ढेर किया तो उन्हें राष्ट्रपति द्वारा वीरता मेडल दिया गया।

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    आतंकवाद निरीधी दस्ते में रहते हुए उन्होंने आतंकी पकड़े तो एंटी करप्शन टीम में शामिल होने पर उन्होंने एक वर्ष में 22 अधिकारियों और कर्मचारियों को ट्रैप कर भ्रष्टाचार पर वार किया। अब एक करोड़ की रिश्वत देने पहुंचे नकली दवा बेचने के आरोपित कारोबारी को पकड़ने पर इंटरनेट मीडिया पर सनसनी बन गए हैं। उनकी ईमानदारी की लोग इंटरनेट मीडिया पर खुलकर सराहना कर रहे हैं।

    कुख्यात अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर करने में मिल चुका है राष्ट्रपति वीरता मेडल

    ग्वालियर के रहने वाले यतींद्र शर्मा का पैतृक गांव बाह का नाथौली है। दादा वैद्य गुरुदयाल उपमन्यु स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे और वर्ष 1942 में जेल गए थे। उन्हें मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से सजा भी हुई थी। पिता देवेंद्र कुमार शर्मा ग्वालियर नगर निगम में कार्य करते थे। इसलिए परिवार वहीं रहने लगा था। वर्ष 2001 बैच में यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर भर्ती हुए यतींद्र शर्मा 2018 में प्रोन्नत होकर वे इंस्पेक्टर बन गए।

    एंटी करप्शन में रहते हुए एक वर्ष में 22 लोगों को ट्रैप कर बनाया था रिकार्ड

    आगरा में नाई की मंडी और सिकंदरा थाने में प्रभारी के रूप में काम कर चुके हैं। इसके साथ ही वे एसटीएफ, एटीएस और एंटी करप्शन विभाग में काम कर चुके हैं। वर्ष 2007 में यतींद्र शर्मा जालौन में तैनात थे। ग्वालियर के प्रख्यात चिकित्सक का अपहरण कर भाग रहे कुख्यात अनूप गुर्जर को एनकाउंटर में ढेर करने वाली तत्कालीन एसपी जालौन अमिताभ यश (अब एडीजी कानून व्यवस्था) की टीम में वह शामिल थे। यतींद्र शर्मा ने वर्ष 2008 में 50 हजार के इनामी कुख्यात मंगली केवल को एके-47 के साथ गिरफ्तार किया था। अनूप गुर्जर एनकाउंटर में उन्हें राष्ट्रपति वीरता मेडल मिला था।

    दस्यु उन्मूलन टीम में काम करते हुए उन्होंने 15 को गिरफ्तार किया था

    वे पुलिस और एसटीएफ में रहते हुए सात कुख्यात बदमाशों को ढेर करने वाली टीम में अहम भूमिका निभा चुके हैं। दस्यु उन्मूलन टीम में काम करते हुए उन्होंने 15 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद एटीएस में कार्य करते हुए गुजरात से आतंकियों की गिरफ्तारी में अहम भूमिका निभाई। वहीं वर्ष 2021 में एंटी करप्शन टीम में रहते हुए उन्होंने एक सेवानिवृत्त पुलिस इंस्पेक्टर समेत 22 लोगों को ट्रैप किया था। एंटी करप्शन में यह आंकड़ा एक वर्ष का सर्वाधिक था।

    आठ वर्ष एसटीएफ में काम कर चुके यतींद्र शर्मा

    आठ वर्ष एसटीएफ में काम कर चुके यतींद्र शर्मा हर परीक्षा में अब तक खरे उतरे हैं। पिछले दिनों एसटीएफ मुख्याल से मिली नकली और अवैध शस्त्र लाइसेंस गिरोह के खिलाफ जांच में उन्हें प्रलोभन से लेकर दबाव तक में लेने की कोशिश की गई, लेकिन वे किसी से प्रभावित नहीं हुए और जांच पूरी होने के बाद मुकदमा दर्ज हुआ। अब एक बाद नकली दवा मामले में उनकी इस कार्रवाई को भी जमकर सराहा जा रहा है।