ताक पर UP बोर्ड परीक्षा में मानक, 113 KM दूर परीक्षा देने जाएंगे विद्यार्थी, अब तक मिलीं 397 आपत्तियां-प्रत्यावेदन
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा फरवरी में प्रस्तावित है, लेकिन परीक्षा केंद्र निर्धारण व्यवस्था विवादों में आ गई है। 160 प्राथमिक ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, आगरा। उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा फरवरी में प्रस्तावित है, लेकिन परीक्षा से पहले केंद्र निर्धारण व्यवस्था प्रश्नों के घेरे में आ गई है। बोर्ड द्वारा प्राथमिक रूप से बनाए गए 160 परीक्षा केंद्रों में से कई में विद्यार्थियों के आवंटन में न केवल मानकों की अनदेखी हुई है, बल्कि विद्यार्थी सुविधा और सुरक्षा को भी पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है। स्थिति यह है कि कछपुरा क्षेत्र के विद्यार्थियों को बाह में 113 किलोमीटर दूर का परीक्षा केंद्र आवंटित कर दिया गया है।
राजकीय इंटर कालेज कछपुरा से पं. के. दयाल आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बाह की दूरी लखनऊ एक्सप्रेस-वे से 113 किमी और बाह-फतेहाबाद मार्ग से भी करीब 93 किमी है। इतनी दूरी तय करने में विद्यार्थियों को कम से कम दो से ढाई घंटे का समय लगेगा। बोर्ड का नियम है कि बालिकाओं के लिए अधिकतम पांच किमी और बालकों के लिए 10 किमी की दूरी का मानक तय है, लेकिन यहां नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गई हैं।
इसी तरह दहतोरा स्थित ज्ञान इंटर कालेज के विद्यार्थियों का केद्र अलग-अलग मार्ग से 37 से 45 किमी दूर खेरागढ़ के एसएमएसएन इंटर कालेज भेजा गया है। कालेज संचालक सचिन शर्मा का कहना है कि हमने आपत्ति दर्ज करा दी है, क्योंकि परीक्षा देने से पूर्व एक से दो घंटे की यात्रा विद्यार्थियों की क्षमता प्रभावित करेगी और दुर्घटना की आशंका भी बढ़ जाएगी।
अनियमितताओं वाले विद्यालय फिर बने केंद्र
हैरानी की बात यह है कि केंद्र आवंटन सूची में धिमश्री स्थित रामजी लाल इंटर कालेज और डीएवी इंटर कालेज को फिर से परीक्षा केंद्र बना दिया गया है, जबकि पिछले वर्ष मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक डा. मुकेश चंद्र अग्रवाल को निरीक्षण में यहां गंभीर अनियमितताएं मिली थीं। इस पर उन्होंने केंद्र व्यवस्थापकों से सीसीटीवी और वायर रिकार्डिंग के साक्ष्य मांगे गए थे, लेकिन विद्यालयों ने आदेश की अवहेलना करते हुए कोई रिकार्ड प्रस्तुत नहीं किया। मामला शासन तक पहुंचा, अपर सचिव ने जांच के निर्देश दिए, इसके बावजूद एक वर्ष बाद दोनों विद्यालयों को दोबारा केंद्र बना दिया गया।
क्षमता से अधिक छात्र, कहीं संसाधन बेकार
इतना भी होता था, तो काफी था, लेकिन बोर्ड ने कई परीक्षा केंद्रों को क्षमता से अधिक विद्यार्थियों का आवंटन कर दिया गया है, जबकि कुछ ऐसे विद्यालय हैं, जहां संसाधन पर्याप्त हैं, लेकिन छात्रों की संख्या कम रखी गई है। इससे न तो संसाधनों का समुचित उपयोग हो पाएगा और न ही परीक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सकेगी।
397 प्रत्यावेदन प्राप्त हुए, 315 आपत्तियां दूरी को लेकर
जिला विद्यालय निरीक्षक चंद्रशेखर ने बताया कि जिले में कुल 160 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इसमें 15 राजकीय, 81 सहायता प्राप्त व 64 वित्तविहीन मान्यता प्राप्त विद्यालय हैं। इनमें तहसील एत्मादपुर में 18, खेरागढ़ में 23, बाह में 16, किरावली में 19, सदर में 65, फतेहाबाद में 19 परीक्षा केंद्र हैं। आनलाइन पोर्टल पर अब तक 397 प्रत्यावेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें 315 आपत्तियां अधिक दूरी वाले केंद्र आवंटन को लेकर हैं।
यह आंकड़ा स्वयं स्पष्ट करता है कि केंद्र निर्धारण में गंभीर खामियां हैं। अब प्रश्न यह है कि विद्यार्थी लंबी दूरी तय कर जोखिम उठाने को मजबूर होंगे या प्रशासन समय रहते इस अव्यवस्था को सुधारेगा। इसके साथ नवीन परीक्षा केंद्र बनाने के लिए 35, धारण क्षमता अधिक आंवटन विषयक 34, प्रबंधक या प्रधानाचार्य द्वारा परीक्षा केंद निरस्त कराने के लिए 12 एवं प्रस्तावित परीक्षा केंद्र विरुद्ध एक शिकायती प्रत्यावेदन प्राप्त हुआ।

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