नेशनल हाईवे पर जाम से राहत दिलाने का प्रयास, गुरु का ताल पर अंडरपास; सिकंदरा तिराहा पर फ्लाईओवर का प्रस्ताव
आगरा में नेशनल हाईवे-19 पर गुरु का ताल कट पर अंडरपास और सिकंदरा तिराहा पर फ्लाईओवर बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। एनएचएआइ ने यह प्रस्ताव जाम से निजात दिलाने के लिए तैयार किया है। मंजूरी के बाद राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण से अनुमति ली जाएगी। फ्लाईओवर की ऊंचाई कम रखी जाएगी ताकि स्मारक का नजारा बना रहे। इससे भगवान टाकीज और सिकंदरा तिराहा के बीच यातायात सुगम होगा।

जागरण संवाददाता, आगरा। नेशनल हाईवे-19 स्थित गुरु का ताल कट और सिकंदरा तिराहा पर जाम के झाम से राहत दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) मथुरा खंड ने गुरु का ताल कट पर अंडरपास और सिकंदरा तिराहा पर फ्लाईओवर बनाने का प्रस्ताव नई दिल्ली कार्यालय भेज दिया है।
मुख्यालय से सहमति मिलने के बाद उप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूपीएमआरसी) की तरह ही राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमओ) से अनुमति ली जाएगी। यूपीएमआरसी ने मेट्रो के पिलर, ट्रैक और स्टेशन की डिजाइन में बदलाव किया है। इससे कट और फ्लाईओवर के निर्माण में कोई भी दिक्कत नहीं आएगी।
एनएचआई मथुरा खंड ने नई दिल्ली कार्यालय में भेजा प्रस्ताव
एनएचएआइ मथुरा खंड ने वर्ष 2010 में नेशनल हाईवे-2 (वर्तमान में 19 नंबर) के चौड़ीकरण का प्रस्ताव तैयार किया था। उसी दौरान गुरु का ताल कट और सिकंदरा तिराहा पर फ्लाईओवर का प्रस्ताव बना था। विरोध के बाद गुरु का ताल कट पर फ्लाईओवर का प्रस्ताव ड्राप कर दिया गया। सिकंदरा तिराहा पर फ्लाईओवर के निर्माण की एनएमओ से अनुमति नहीं मिली।
सहमति मिलने के बाद यूपीएमआरसी की तरह एनएमओ से ली जाएगी अनुमति
वर्ष 2014, 2017, 2019 और 2024 में प्रस्ताव बनाए। इन सभी प्रस्ताव में गुरु का ताल कट को शामिल नहीं किया गया। सिकंदरा तिराहा पर 42 से 44 करोड़ रुपये से फ्लाईओवर का प्रस्ताव तैयार हुआ। फ्लाईओवर की ऊंचाई को कम रखा गया। इससे सिकंदरा स्मारक की बिल्डिंग का नजारा आसानी से दिखेगा।
जनवरी में किया था सर्वे
जनवरी में एनएचएआइ की टीम ने हाईवे का सर्वे किया और नए सिरे से प्रस्ताव तैयार किया। गुरु का ताल कट पर अंडरपास और सिकंदरा तिराहा पर कम ऊंचाई का फ्लाईओवर बनाया जाएगा। अंडरपास का निर्माण 30 करोड़ रुपये और फ्लाईओवर का 45 करोड़ रुपये का है। एनएचएआइ ने इसका प्रस्ताव नई दिल्ली कार्यालय भेज दिया है। प्रस्ताव पर सहमति मिलने के बाद एनएमओ से अंडरपास और फ्लाईओवर के निर्माण की अनुमति ली जाएगी।
हाईवे पर पहले से ही एलीवेटेड मेट्रो ट्रैक का निर्माण चल रहा है। एनएचएआइ ने यूपीएमआरसी को अंडरपास और फ्लाईओवर के निर्माण की जानकारी दी। जिस पर यूपीएमआरसी ने पिलर, मेट्रो ट्रैक की डिजाइन में बदलाव किया है।
यूपीएमआरसी ने यह किया बदलाव
सामान्यतौर पर एलीवेटेड मेट्रो ट्रैक के पिलर की ऊंचाई साढ़े नौ से 10 मीटर तक होती है। एक पिलर से दूसरे पिलर की दूरी 28 मीटर होती है। गुरु का ताल कट पर पिलर की ऊंचाई साढ़े 13 से 14 मीटर तक होगी। दूसरी 37 मीटर तक रखी गई है। वहीं सिकंदरा तिराहा पर पिलर की ऊंचाई 12 से 13 मीटर तक रखी गई है। पिलर का निर्माण इस तरीके से किया जा रहा है कि अंडरपास और फ्लाईओवर के निर्माण में कोई भी दिक्कत नहीं आएगी।
यह होगा फायदा
गुरु का ताल कट बनने से भगवान टाकीज चौराहा से सिकंदरा तिराहा, सिकंदरा तिराहा से भगवान टाकीज चौराहा की तरफ जाने वाले वाहन आसानी से गुजर सकेंगे। जाम का झाम खत्म हो जाएगा। सिकंदरा तिराहा पर भी सुबह और शाम को जाम रहता है। फ्लाईओवर बनने से यह समस्या खत्म हो जाएगी।
गुरु का ताल कट पर अंडरपास और सिकंदरा तिराहा पर फ्लाईओवर का प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेज दिया गया है। सहमति के बाद आगे का कार्य शुरू होगा। अंडरपास और फ्लाईओवर बनने से जाम की समस्या खत्म हो जाएगी। धीरज कुमार, परियोजना निदेशक एनएचएआइ मथुरा खंड
गुरु का ताल कट और सिकंदरा तिराहा के पास मेट्रो की डिजाइन में बदलाव किया गया है। सबसे अधिक बदलाव मेट्रो के पिलर में किया गया है। इससे दोनों के निर्माण में कोई दिक्कत नहीं आएगी। एनएचएआइ से इसकी अनुमति मिल गई है। अरविंद कुमार, परियोजना निदेशक आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट
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